नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचूरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) देश की तीसरी सबसे बड़ी ऑयल रिटेलर कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) को 42,254 करोड़ रुपए में खरीदने की इच्छुक है, क्योंकि उसे भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) को खरीदना काफी महंगा लग रहा है।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एकीकृत तेल कंपनी बनाने की घोषणा बजट में की थी। उसके बाद ओएनजीसी ने HPCL या BPCL में से किसी एक कंपनी को खरीदने के विकल्प पर विचार किया। ये दोनों कंपनियां देश में पेट्रोल व डीजल का रिटेल कारोबार करती हैं। यह भी पढ़ें: GST परिषद ने 66 उत्पादों पर टैक्स रेट में किया बदलाव, देखिए यहां पूरी लिस्ट
जानकार सूत्रों ने कहा कि ओएनजीसी के लिए उक्त दोनों में से किसी एक कंपनी को खरीदना कारोबारी लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन ओएनजीसी के अनुसार बीपीसीएल को खरीदना काफी महंगा सौदा है। बीपीसीएल देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल रिटेल कंपनी है। बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण 1,01,738 करोड़ रुपए का है और इसमें सरकार की 54.93 प्रतिशत हिस्सेदार खरीदने का मतलब है 55,885 करोड़ रुपए का खर्च।
सूत्रों के अनुसार इसी को ध्यान में रखते हुए ओएनजीसी ने एचपीसीएल को खरीदने का पक्ष लिया है। एचपीसीएल का बाजार पूंजीकरण 54,797 करोड़ रुपए है और इसमें सरकार की सारी 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर 28,006 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। खुली पेशकश के लिए 14,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि की जरूरत होगी। सूत्रों ने कहा कि शुरू में सरकार किसी एक तेल उत्पादक कंपनी को रिफाइनर कंपनी के साथ विलय कर एकीकृत तेल कंपनी बनाना चाहती थी लेकिन एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस विलय के हश्र को देखते हुए इस विचार को टाल दिया गया।
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