ONGC ने की प्रति शेयर 5 रुपए का लाभांश देने की घोषणा, सरकार को मिलेंगे 3,950 करोड़ रुपए
ONGC में सरकार की 62.78 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस हिस्सेदारी पर सरकार को 3,949 करोड़ रुपए का लाभांश और कर की प्राप्ति होगी।
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने सोमवार को अपने शेयरधारकों के लिए पांच रुपए प्रति शेयर का लाभांश देने की घोषणा की है। इस घोषणा से सरकार को कंपनी में उसकी हिस्सेदारी पर 3,950 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।
ओएनजीसी ने नियामकीय सूचना में कहा है कि उसके निदेशक मंडल की सोमवार को बैठक हुई, जिसमें कंपनी के प्रत्येक पांच रुपए के शेयर पर 5 रुपए का अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की गई है। ओएनजीसी में सरकार की 62.78 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस हिस्सेदारी पर सरकार को 3,949 करोड़ रुपए का लाभांश और कर की प्राप्ति होगी। बंबई शेयर बाजार में सोमवार को ओएनजीसी का शेयर 8.73 प्रतिशत घटकर 60.15 रुपए पर बंद हुआ।
जिम्बावे में मुद्रास्फीति पहुंची 540 प्रतिशत तक
जिम्बावे की मुद्रास्फीति दर फरवरी में सालाना आधार पर 540 प्रतिशत के पार पहुंच गई। जिम्बावे के सांख्यिकी विभाग ने सोमवार को पिछले साल जून के बाद पहली बार मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए। जिम्बावे राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी ने ट्वीट किया कि फरवरी में सर्वकालिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर सालाना आधार पर 540.16 प्रतिशत रही। पिछले साल जून में मुद्रास्फीति के 176 प्रतिशत पर पहुंच जाने के बाद जिम्बावे ने मुद्रास्फीति आंकड़े सार्वजनिक करने बंद कर दिए थे। मुद्रा संकट से निपटने के लिए जिम्बावे ने पिछले साल फरवरी में मुद्रा सुधार शुरू किए थे और नई मुद्रा को प्रचलन में लाया था। साथ ही अमेरिकी डॉलर के उपयोग पर प्रतिबंध भी लगाए थे। जिम्बावे में 2009 से अमेरिकी डॉलर ही राष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर प्रचलन में थी।
मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों से फिर से अति-मुद्रास्फीति आने का डर दिखने लगा है जैसा 10 पहले हुआ था। उस समय देश की पूरी बचत खत्म हो गई थी और वस्तुओं और सेवाओं के दाम हर दिन नई ऊंचाई को छू रहे थे। वर्ष 1987 से 2017 की लंबी अवधि में सत्तासीन रहे रॉबर्ट मुगाबे के स्थान पर राष्ट्रपति एमरसन म्नांनगवा ने अर्थव्यवस्था का उद्धार करने के वादे पर ही 2017 में गद्दी संभाली थी। लेकिन दो वर्ष के भीतर ही स्थिति खराब होने लगी।