नई दिल्ली। राइड-हैलिंग प्लेटफॉर्म ओला (Ola) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपने पहले परिचालन लाभ की घोषणा की है। कंपनी ने बताया कि उसे इस दौरान कुल 89.82 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ हुआ है। कंपनी ने कहा कि कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से कंपनी का राजस्व 65 प्रतिशत घटकर 689.61 करोड़ रुपये रह जाने पर भी उसे यह लाभ हुआ है। ओला की पैरेंट कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजीज द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों के मुताबिक कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 में एकल आधार पर 89.82 करोड़ रुपये एबिटडा हासिल किया है।
ओला ने बताया कि उसे वित्त वर्ष 2019-20 में 610.18 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। उल्लेखनीय है कि ओला अपना आईपीओ लाने की भी योजना पर काम कर रही है। एएनआई टेक्नोलॉजीज फूड डिलीवरी और फाइनेंशियल सर्विस की भी पेशकश करती है। वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का परिचालन घाटा संचयी आधार पर कम होकर 429.20 करोड़ रुपये रहा, जबकि राजस्व 63 प्रतिशत घटकर 983.15 करोड़ रुपये रहा।
ओला के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी एक मजबूत परिचालन दक्षता के साथ कारोबार निर्माण की दिशा में अपना ध्यान केंद्रित कर रही है और यूनिट इकोनॉमिक्स को बेहतर बना रही है। प्रवक्ता ने कहा कि हमारे वित्तीय परिणाम आज इसी का प्रदर्शन कर रहे हैं। हम निरंतर भारत में एक अरब लोगों के लिए नए मोबिलिटी ईकोसिस्टम की स्थापना के लिए काम कर रहे हैं।
सितंबर में ओला के सह-संस्थापक भाविश अग्रवाल ने कहा था कि कंपनी का जीएमवी (ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू) कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंच गया है, और दूसरी लहर से रिकवरी पहली लहर के मुकाबले तीन गुना तेजी से हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि ओला ने 2020-21 में 1 करोड़ नए यूजर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर जोड़ा है। कंपनी और अधिक ड्राइवर-पार्टनर्स को अपने साथ जोड़ने, नए शहरों में प्रवेश करने और कोविड के बाद बेहतर सेवा वाली परिवहन जरूरतों को पूरा करने के लिए नए उत्पादों का निर्माण करने पर ध्यान दे रही है।
पिछले साल मई में, ओला ने कोरोनावायरस महामारी के कारण दो माह के लॉकडाउन की वजह से राजस्व में 95 प्रतिशत गिरावट आने के बाद अपने राइड, वित्तीय सेवा और फूड बिजनेस से 1400 कर्मचारियों की छंटनी की थी। ओला आईपीओ के जरिये 7324-10985 करोड़ रुपये के बीच राशि जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी दिसंबर तक सेबी के पास अपने दस्तावेज जमा करवा सकती है।
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