नई दिल्ली। टैक्सी सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी ओला ने बेली जिफॉर्ड, टाइगर ग्लोबल, साफ्टबैंक ग्रुप और अन्य से 50 करोड़ डॉलर (करीब 3,299 करोड़ रुपए) जुटाए हैं। कंपनी इन पैसों का इस्तेमाल अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए करेगी, जिससे अमेरिकी कंपनी उबर और घरेलू कंपनी मेरू जैसी कंपनियों से मुकाबला कर सके। कंपनी का कारोबार पिछले एक साल में तीस गुना बढ़ा है। टैक्सी कारोबार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने का फायदा ग्राहकों को होगा। वहीं, ओला छोटे शहरों में पैर पसारने की तैयारी कर रहा है।
इनोवेटिव साल्यूशंस से बढ़ेगा कारोबार
ओला ने बेली गिफॉर्ड, चीन की दीदी कुआइदी और फॉल्कन एज कैपिटल, टाइगर ग्लोबल जैसे मौजूदा निवेशकों से 50 करोड़ डालर जुटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। ओला के को-फाउंडर और सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा कि हम इस पैसे का इस्तेमाल कारोबार बढ़ाने में करेंगे। हम भागीदारों को साथ लाने की कोशिश करेंगे जो हमें वहां पहुंचने में मदद कर सकते हैं। अग्रवाल ने कहा कि ओला शेयर, ओला प्राइम और ओला मनी जैसे इनोवेटिव साल्यूशंस के जरिए घरेलू मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत बना रहे हैं।
निवेशकों ने की ओला पर पैसों की बारिश
भाविश अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक साल में ओला का कारोबार 30 गुना बढ़ा है। कंपनी के पास रोजाना 10 लाख से अधिक बुकिंग आ रही है। सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी ने भी ओला को फंड किया है। इस कंपनी का वैल्यू 5 अरब डॉलर (करीब 33,058 करोड़ रुपए) है। करंट राउंड में ओला ने 1.3 अरब डॉलर (करीब 8,600 करोड़ रुपए) का फंड जुटाया है। पिछले साल यह आंकड़ा 1.2 अरब डॉलर (7,936 करोड़ रुपए) रहा था। ओला पर बढ़ते निवेशकों के भरोसे कंपनी छोटे शहरों में पैर पसार सकती है।
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