Ola और Uber के 1.5 लाख ड्राइवर एक बार फिर से हड़ताल पर, सुबह नहीं दिखा खास असर
Ola, Uber के एक 1.5 लाख से अधिक ड्राइवर्स एक बार फिर हड़ताल पर चले गए है। ड्राइवर्स का आरोप है कि Ola-Uber कम पैसों पर बंधुआ मजदूर की तरह काम करा रही हैं।
नई दिल्ली। कैब सेवा देने वाली कंपनी Ola , Uber के एक 1.5 लाख से अधिक ड्राइवर्स मंगलवार से एक बार फिर हड़ताल पर चले गए है। ड्राइवर्स का कहना है कि न तो उनकी शिकायत कैब कंपनियां सुन रही हैं और न ही दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल उनके लिए कुछ कर रहे हैं। आपको बता दें कि इसी साल फरवरी में दोनों ऐप बेस्ड कैब के ड्राइवर्स ने लगभग दो हफ्ते का हड़ताल की था।
हड़ताल नहीं दिखा खास असर
ओला और उबर चालकों की एक दिन की हड़ताल के कारण यहां कोई बड़ा प्रभाव देखने को नहीं मिला क्योंकि दैनिक यात्रियों को सुबह के व्यस्त समय के दौरान अपने गंतव्य तक जाने में कैब आसानी से मिल गयी। । यह भी पढ़े: दिल्ली-NCR में शुरू हुई OLA-Uber से भी सस्ती कैब सर्विस SEWA
सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन ऑफ दिल्ली (SDA) ने दावा किया कि कम किरायों के खिलाफ दोपहर बाद और अधिक चालक प्रदर्शन में शामिल हो जाएंगे। हालांकि कई मार्गों पर कैब आसानी से उपलब्ध है लेकिन एप आधारित कुछ कैब चालकों ने कुछ मार्गों के लिए किराया बढ़ा दिया है।
ये नहीं है हड़ताल में शामिल
दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन (पीली काली टैक्सियां) ने कहा कि वे सामान्य रूप से काम करते रहेंगे । दोनों संगठनों के महासचिव राजेन्द्र सोनी ने बताया, हम दिल्ली में हड़ताल का समर्थन नहीं करेंगे।
क्यों हुई हड़ताल
ओला और उबर के 1.25 लाख चालकों का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाली एसडीएडी ने वर्तमान के छह रुपए प्रति किलोमीटर की दर को बढ़ाकर करीब 20 रुपए प्रति किलोमीटर करने की मांग की है। वे कंपनियों द्वारा चालकों से लिये जाने वाले 25 प्रतिशत कमीशन को हटाने की भी मांग कर रहे हैं। इस साल फरवरी में एसडीएडी द्वारा आहूत एक हड़ताल के कारण दिल्ली-एनसीआर में दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। उस दौरान ओला-उबर के अधिकांश चालक 13 दिनों तक सड़क पर नहीं उतरे थे। यह भी पढ़े: Uber ने लॉन्च किया रियल टाइम ID चेक फीचर, पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए अब ड्राइवर का सेल्फी भेजना होगा जरूरी
सर्वोदय ड्राइवर ऐसोसिएशन दिल्ली के प्रेसिडेंट कमलजीत गिल का कहना है
फरवरी के प्रोटेस्ट के बाद भी कुछ नहीं बदला है ड्राइवर अभी भी हर दिन 16 से 18 घंटे तक कैब चला रहे हैं और उनका घर बमुश्किल ही चल रहा है यहां तक की कार की EMI तक नहीं दे पा रहे हैं। रजिस्टर्ड टैक्सी के भाड़े सरकार द्वारा तय किए जाते हैं, लेकिन ओला और उबर अभी भी अपने रेट से लेवी वसूल कर रहे हैं