सिंगापुर। क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और गहराती जा रही है। बुधवार को क्रूड 2003 के बाद पहली बार 27 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसल गया। ग्लोबल स्तर पर बढ़ते भंडार और इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) की सप्लाई और बढ़ने की चेतावनी से क्रूड की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। इस साल अब तक तेल की कीमत 25 फीसदी से अधिक गिर चुकी है। यह वित्तीय संकट के बाद की सबसे तेज गिरावट है। इससे तेल उत्पादक देशों की वित्तीय हालात और खराब हो सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कीमतों में इतनी गिरावट के बाद भी तेल उत्पादक देश कटौती करने को तैयार नहीं है। ऐसे में क्रूड में फिसलन आगे भी जारी रहेगी। अपने ताजा बयान ने आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि क्रूड के कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर सकती है।
क्रूड में बढ़ सकती है गिरावट
एनालिस्ट के अनुसार एशियाई बाजारों के शुरुआती कारोबार से मिले समर्थन के दौरान यह थोड़ा संभलने में कामयाब रहा है। लेकिन इसपर अब भी अधिक भंडार का दबाव कायम है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी द्वारा कच्चा तेल के भंडार के आंकड़े जारी होने के बाद इसमें और गिरावट देखी जा सकती है। बुधवार को अमेरिकी क्रूड का फरवरी वायदा 6.7 फीसदी गिरकर 26.55 डॉलर प्रति बैरल रह गया। फिलहाल नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.65 फीसदी की गिरावट के साथ 28.17 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। वहीं, ब्रेंट क्रूड 0.75 फीसदी फिसल कर 27.67 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया है।
अमेरिका में फिर बढ़ा क्रूड भंडार
बुधवार को अमेरिकी पेट्रोलियम इंस्टिट्यूट के जारी आंकड़ों के मुताबिक15 जनवरी को खत्म हफ्ते में क्रूड का भंडार 46 लाख बैरल बढ़ा है। अब अमेरिका में क्रूड का भंडार बढ़कर 48.52 करोड़ बैरल पहुंच गया है। एनालिस्टों इस दौरान 28 लाख बैरल भंडार बढ़ने का अनुमान लगाया था। क्रूड की गिरती कीमतों को देखते हे वेनेजुएला ने ओपेक से आपात बैठक का अनुरोध किया था, लेकिन इसको खारिज कर दिया गया। दूसरी ओर ईरान की राष्ट्रीय ईरानियन तेल कंपनी ने कहा है कि उसने अपना तेल उत्पादन पांच लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ाने का आदेश दिया है। ईरान वर्तमान में 28 लाख बैरल प्रतिदिन तेल का उत्पादन करता है और इसमें से 10 लाख बैरल का निर्यात करता है।
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