लंदन। नाइजीरिया की सप्लाई चिंता और डॉलर में कमजोरी के कारण कच्चे तेल की कीमतें बढ़ कर 52.34 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं जो वर्ष 2016 का उच्चतम स्तर है। व्यापारियों को अमेरिका के तेल भंडार के आंकड़ों के आने का इंतजार है जो दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी का असर घरेलू पेट्रोल–डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है। कच्चे तेल में आई तेजी के कारण ही ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पिछले पांच हफ्ते में पेट्रोल 4.47 रुपए और डीजल 6.46 रुपए महंगा कर दिया है।
9 महीने के उच्चतम स्तर पर कच्चा तेल
ब्रेंट क्रूड कीमत आज 52.34 डॉलर प्रति बैरल की ऊंचाई तक पहुंच गया जो गत अक्टूबर के बाद का उच्चतम स्तर है। व्यापारियों को उम्मीद है कि अमेरिकी उर्जा विभाग के ताजा आंकड़ों में कच्चे तेल के भंडार में और कमी दिखेगी। इससे तेल के भाव और चढ़ सकते हैं। फरवरी के बाद से कच्चा तेल 90 फीसदी चढ़ चुका है। हाल के महीनों में तेल कीमतों में तेजी रही है जिसका कारण अमेरिकी डॉलर में गिरावट आना है। कनाडा और नाइजीरिया में विभिन्न कारणों से उत्पादन में गिरावट से तेल बाजार में तेजी आयी है।
तस्वीरों में जानिए क्रूड से जुड़े फैक्ट्स
Facts of Crude oil
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आईओसी, एमआरपीएल ने दूसरी किस्त में 33 करोड़ डॉलर का भुगतान किया
भारतीय रिफाइनरी कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और एमआरपीएल ने ईरान को अपने पिछले तेल बकाया के भुगतान मद में दूसरी किस्त जारी की है। इन कंपनियों ने जर्मनी स्थित ईआईएच बैंक का इस्तेमाल करते हुए दूसरी किस्त का भुगतान किया है। सूत्रों ने कहा कि मंगलौर रिफाइनरी एंड पैट्रोकैमिकल्स और आईओसी ने पिछले महीने ईरान को 75 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था। इन कंपनियों ने यूरोपाइश्च-इरानिश्च हांदेलसबैंक एजी (ईआईएच) बैंक के जरिए 33 करोड़ डॉलर की एक ओर किस्त चुकाई है।
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