सिंगापुर। एशियाई बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें 2016 के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। अमेरिका में घटते रिग्स की संख्या और चीन में तेजी से बढ़ रहे रिफाइनरी प्रोसेसिंग के कारण कीमतों में उबाल देखने को मिल रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कच्चे तेल की ओवर सप्लाई उम्मीद से पहले घ सकती है। इसके कारण आने वाले दिनों में भी कच्चे तेल तेजी जारी रहने की उम्मीद है। ऐसे में एक बार फिर पेट्रोल–डीजल महंगा हो सकता है।
अमेरिकी ऑयलफील्ड फर्म बेकर ह्यूजेस ने कहा कि अमेरिका में रिग्स की संख्या अक्टूबर 2009 के निचले स्तर पर आ गई है। रिग्स की संख्या में गिरावट कच्चे तेल के दाम को भड़का सकता है। ग्लोबल स्तर पर कच्चे तेल के ओवर सप्लाई के लिए अमेरिका भी मुख्य जिम्मेदार है। ऐसे में उत्पादन घटने पर कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। दूसरी ओर चीन की रिफाइनरियों ने अप्रैल के दौरान रिकॉर्ड प्रोसेसिंग की है। EY ऑयल एंड गैस के एनालिस्ट संजीव गुप्ता ने कहा कि बुधवार को अमेरिकी कमर्शियल क्रूड इन्वेंट्री डेटा का इंतजार है।
तस्वीरों में देखिए क्रूड से जुड़े फैक्ट्स
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नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.34 फीसदी की तेजी के साथ 46.83 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है। वहीं ब्रेंट क्रूड की कीमतें 1.30 फीसदी चढ़कर 48.45 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा है। पिछले हफ्ते डब्ल्यूटीआई क्रूड में 3.5 फीसदी और ब्रेंट में 5 फीसदी से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई। तेल की कीमतों में तेजी अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) और ओपेक के बयान की वजह से दर्ज की गई। आईईए ने कहा, साल की दूसरी छमाही में ओवर सप्लाई घट सकती है तो वहीं ओपेक के मुताबिक सदस्य देश उत्पादन में कटौती करेंगे।
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