फ्रैंकफर्ट: तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और संबद्ध तेल उत्पादक देशों (ओपेक प्लस) द्वारा महामारी के दौरान उत्पादन में की गई कमी को क्रमिक रूप से बहाल करने के फैसले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को उछाल आया। ओपेक प्लस देशों ने नवंबर में उत्पादन सिर्फ चार लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ाने पर सहमति जताई है। वियना स्थित तेल उत्पादन देशों के इस समूह द्वारा सोमवार को किया गया यह फैसला तय कार्यक्रम के अनुसार है।
वर्ष 2020 में महामारी के चलते मांग में भारी कमी के बाद उत्पादन में कटौती की गई थी। हालांकि, तब से हालात बदल गए हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। इसके अलावा प्राकृतिक गैस की कीमतों में असामान्य रूप बढ़ोतरी के चलते एशिया में कुछ देश बिजली उत्पादकों को प्राकृतिक गैस की जगह तेल आधारित संयंत्रों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है।
न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में कच्चे तेल की कीमत 3 प्रतिशत बढ़कर 78.17 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जो 2014 के बाद सबसे अधिक है। ब्रेंट अंतरराष्ट्रीय मानक दिन में 2.8% की वृद्धि के साथ 81.48 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया, जो तीन साल में सबसे अधिक है।
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