नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि सामान्य भविष्य निधि (GPF) के भुगतान में देरी के मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह बात सामने आने के बाद कि कई मामलों में सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के तुरंत बाद GPF का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे ब्याज भुगतान का बोझ बढता है, केंद्र सरकार ने यह आदेश दिया है।
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कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि
GPF का भुगतान समय पर सुनिश्चित किया जाए और ब्याज के कारण अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचा जाए।
अब बनाया बया यह नियम
- आदेश के अनुसार अब यह निर्णय किया गया है कि GPF पर सेवानिवृत्ति की तारीख के बाद ब्याज का भुगतान आवश्यक रूप से संबंधित मंत्रालय के सचिव के विचारार्थ रखा जाएगा।
- सभी केंद्रीय विभागों को भेजे निर्देश में कहा गया है, ऐसे मामलों में संबंधित मंत्रालय या विभाग के सचिव सभी स्तरों पर जवाबदेही तय करेंगे ताकि उन अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाए जो भविष्य निधि के भुगतान में विलंब के दोषी पाए जाते हैं।
शिकायत मिलने के बाद उठाया गया यह कदम
- कार्मिक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां सेवानिवृत्त कर्मचारियों को GPF की अंतिम राशि के भुगतान में देरी की शिकायतें मिली हैं।
- नियमों के अनुसार अगर GPF का भुगतान सेवानिवृत्ति के बाद नहीं किया जाता है तो जब तक भविष्य निधि का भुगतान नहीं होता, उस पर ब्याज देना होगा।
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