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Hindi News पैसा बिज़नेस विजय माल्‍या की कंपनी ने की 14,000 करोड़ रुपए देने की पेशकश, सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

विजय माल्‍या की कंपनी ने की 14,000 करोड़ रुपए देने की पेशकश, सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

चूंकि गणना में पाया गया है कि कंपनी की कुल संपत्ति उस पर बकाया कर्ज से ज्यादा है, इसलिए कंपनी को अपना कामकाज समेटने के लिए निर्देशित नहीं किया जा सकता है।

 Offered Rs 14K cr to banks as settlement, Mallya's UB tells SC- India TV Paisa Image Source : THE STATESMAN  Offered Rs 14K cr to banks as settlement, Mallya's UB tells SC

नई दिल्‍ली। देश छोड़कर भागे शराब कारोबारी विजय माल्‍या की युनाइटेड ब्रेवरीज (होल्डिंग) लिमिटेड ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह उसने विभिन्‍न बैंकों का बकाया चुकाने के लिए 14,000 करोड़ रुपए की पेशकश की है। कंपनी ने यह भी बताया कि उसकी कुल संपत्ति उस पर बकाया कर्ज की तुलना में अधिक है। इस मामले में अब अगली सुनवाई गुरुवार यानी आज होगी।

जस्टिस यूयू ललित, विनीत सरन और आर रविंद्र भट की खंडपीठ के समक्ष माल्या की कंपनी युनाइटेड ब्रेवरीज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि उन्हें बैंकों का जवाब मिल गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि गणना में पाया गया है कि कंपनी की कुल संपत्ति उस पर बकाया कर्ज से ज्यादा है, इसलिए कंपनी को अपना कामकाज समेटने के लिए निर्देशित नहीं किया जा सकता है।

अधिवक्‍ता सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि चूंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी कई संपत्तियों को जब्त कर लिया है, इसीलिए इन संपत्तियों को बैंकों को भी नहीं सौंपा जा सकता है। माल्या के वकील ने शीर्ष अदालत में यह भी कहा कि उनके मुवक्किल पर बकाया राशि 6,203 करोड़ रुपए है लेकिन उन्होंने इसके बदले में जो कीमत बैंकों को देने की बात कही है वह 14 हजार करोड़ रुपए है, जबकि धन की उगाही केवल 430 करोड़ रुपए की ही हो पाई है।

वैद्यनाथन ने यह भी कहा कि साल 2009 से अभी तक वास्तव में उनकी संपत्ति ईडी जब्त नहीं कर पाई है। वकील ने कहा कि गारंटर तो याचिकाकर्ता है लेकिन कर्ज तो किंगफिशर और अन्य ने लिया था। कर्नाटक हाईकोर्ट के कंपनी के कामकाज को समेटने के आदेश को चुनौती देने के दौरान युनाइटेड ब्रेवरीज ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह दलीलें दी हैं।

उल्‍लेखनीय है कि माल्या ने बंद हो चुकी अपनी एयरलाइंस कंपनी किंगफिशर के लिए बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। साल 2016 में वह भारत से फरार हो गया था। माल्या पर आरोप है कि उसने जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया। बता दें कि भारत और ब्रिटेन के बीच 1992 में प्र‌र्त्यपण संधि हुई थी, जो नवंबर 1993 में प्रभावी हुई थी। इसके तहत भारत सरकार भी माल्‍या के प्रत्‍यर्पण की कोशिशें कर रही है।

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