नई दिल्ली। पेरिस के शोध संस्थान आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने 2016-17 के लिए भारत की ग्रोथ दर के अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है। हालांकि उसका कहना है कि अगले वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। ओईसीडी ने पिछले साल फरवरी में 2016-17 में भारत की ग्रोथ दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
ओईसीडी के महासचिव एंजल गुरिया ने कहा, सुस्ती के दौर में भारत शानदार प्रदर्शन करने वाला देश है। सात प्रतिशत की ग्रोथ दर वाले अधिक मामले नहीं हैं। जी-20 देशों में भारत का प्रदर्शन सबसे शानदार है। ओईसीडी का अनुमान है कि 2018-19 में भारत की ग्रोथ दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
जानिए क्या है आरबीआई का अनुमान
- केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) बाद में 2016-17 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ दर का संशोधित अग्रिम अनुमान जारी करेगा।
- इसमें नोटबंदी के प्रभाव को शामिल किया जाएगा।
- भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ दर 6.9 प्रतिशत रहेगी।
- जबकि वित्त मंत्रालय की आर्थिक समीक्षा में इसके 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने देश की ग्रोथ दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर खर्च दोगुना करने की जरूरत: एडीबी
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) का मानना है कि एशिया और प्रशांत के विकासशील देशों को अपनी बुनियादी ढांचा जरूरतों को पूरा करने के लिए सालाना 1,700 अरब डॉलर या 2030 तक 26,000 अरब डॉलर का निवेश करने की जरूरत होगी, जिससे क्षेत्र की ग्रोथ की रफ्तार को कायम रखा जा सके। यह 2009 के संशोधित अनुमान का दोगुना से अधिक है।
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