नई दिल्ली। ऑड-ईवन फॉर्मूला का आज आखरी दिन है। 15 दिनों तक चले इस ट्रायल से दिल्ली में प्रदूषण कितना कम हुआ, यह तो समीक्षा के बाद केजरीवाल सरकार बताएगी। लेकिन, सरकार के इस फैसले से कई स्टार्टअप्स का कारोबार जरूर चमका है। दिल्ली में ऑड-ईवन फॉर्मूला की वजह से टैक्सी की डिमांड अचानक बढ़ गई, जिसको कंपनियों ने खूब भुनाया है। केजरीवाल के फैसले, इन्नोवेशन, गुडविल और टेक्नोलॉजी से कारपुलिंग और ऑटोरिक्शा एग्रीगेटर्स को मुनाफा हुआ है।
चार गुना हुआ ऑटोरिक्शा का कारोबार
ऑड-ईवन फॉर्मूला को कैश करने के लिए स्टार्टअप्स ने सिर्फ महिलाओं के लिए राइड शेयरिंग, इंट्रा सिटी सवारी सुविधाएं बढ़ाने से लेकर स्पेशल पैकेज ऑफर किया, जिसके कारण शुरुआती चार दिनों में ही इन कंपनियों का कारोबार बढ़ गया। ऑटोरिक्शा एग्रीगेटर्स जुगनू के सीईओ और फाउंडर समर सिंगला ने कहा कि हमने पहली बुकिंग पर 100 फीसदी और 5 राइड के लिए 20 फीसदी डिस्काउंड ग्राहकों को दिया है। इसके कारण 1 जनवरी से 4 जनवरी के दौरान हमारा कारोबार चार गुना बढ़ गया। ग्राहकों की डिमांड पूरा करने के लिए हम रोज ऑटो की संख्या बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली वाले ऑटोरिक्शा को खूब पसंद कर रहे हैं।
कारपुलिंग कंपनियों का 30 फीसदी बढ़ा ट्रैफिक
एक सर्वे के मुताबिक ऑड-ईवन फॉर्मूला से बचने के लिए लोग कारपुलिंग से ज्यादा पब्लिक ट्रांस्पोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, ऑड-ईवन से कारपुलिंग कंपनियों का भी कारोबार बढ़ा है। आईबीआईओ राइड के को-फाउंडर दिनेश गोलानि ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में कारपुलिंग ट्रैफिक 30 फीसदी तक बढ़ा है। खासकर इंट्रा सिटी ट्रैफिक में खासा इजाफा हुआ है। गोलानि ने बताया कि ऑड-ईवन की वजह से गूगल प्ले स्टोर में हमारा ऐप दूसरे नंबर पर पहुंच गया।
सेल्फ-ड्राइव कार की भी बढ़ी डिमांड
राइड शेयरिंग और ऑटोरिक्शा एग्रीगेटर्स के अलावा सेल्फ-ड्राइव कार रेंटल कंपनियों को भी इस पॉलिसी से फायदा हुआ है। सेल्फ-ड्राइव कार रेंटल कंपनी रेव के को-फाउंडर और सीईओ अनुपम अग्रवाल ने कहा कि हम ‘रेव टू वर्क’ नाम से लोगों को ऑफर दे रहे हैं। इसके तहत ग्राहक कम कीमत पर ऑफिस जाने के लिए कार ले सकते हैं। अग्रवाल के मुताबिक ऑड-ईवन की वजह से सेल्फ-ड्राइव कार की डिमांड बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यह नियम कारोबार के लिए चमत्कार से कम नहीं है, जो कि अब खत्म होने वाला है।
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