मुंबई। बैंकिंग प्रणाली में फंसे कर्ज यानि कि NPA में जहां जोरदार इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी ओर इस तरह की एसेस्ट को बेचने में भी मुश्किल पेश आ रही है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एसेट्स रिकंस्ट्रक्शन कंपनी(एआरसी) की 2015-16 में कुल बिक्री NPA की केवल दो प्रतिशत रही है। वहीं पिछले साल के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले वित्त वर्ष में एनपीए बिक्री की तुलना में इस साल का आंकड़ा 20 प्रतिशत कम है।
कोटक इंस्टीट्यूशन इक्विटीज ने आज एक रिपोर्ट पेश करते हुए इन आंकड़ों का खुलासा किया है। बैंकिंग सिस्टम के संदर्भ यह निष्कर्ष निकालते हुए कोटक ने इस रिपोर्ट में देश भर के 33 सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बैंकों के विश्लेषण किया है। यह रिपोर्ट इसी विश्लेषण पर ही आधारित है।
कोटक इंस्टीट्यूशन इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2016 में कुल ऋण बिक्री सालाना आधार पर 20 प्रतिशत कम रही। NPA के संदर्भ यह स्थिति खराब मानी जा सकती है। हालांकि रिपोर्ट में बिक्री में इस भारी गिरावट का कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है। हालांकि कोटक ने रिपोर्ट में यह रेखांकित जरूर किया है कि बैंक एआरसी द्वारा सस्ते मूल्यांकन की पेशकश से खुश नहीं है।
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