नई दिल्ली। केंद्र सरकार गलत तरीके से खाने-पीने की चीजों पर वसूले जा रहे सर्विस चार्ज को खत्म करने को कहा है। इसके लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी करेगी। दूसरी ओर रेस्टोरेंट मालिक इसकी भरपाई का रास्ता निकाल में जुट गए हैं। होटल कारोबारी सर्विस चार्ज हटने पर खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, ‘सर्विस टैक्स जैसा कुछ नहीं है। यह गलत तरीके से वसूला जा रहा है। हमने इस मुद्दे पर एक एडवाइजरी तैयार किया है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक बार प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमति मिल जाने के बाद इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एडवाइजरी उन स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों के लिए भी उपयोगी होगा जो उपभोक्ता अधिकारों के लिए लड़ते हैं।
प्रस्तावित एडवाइजरी को समझाते हुए अधिकारी ने कहा, ‘किसी भी उपभोक्ता को सर्विस टैक्स चुकाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। यदि उपभोक्ता चाहे तो वह होटल कर्मी को टिप दे सकते हैं या सर्विस टैक्स बिल में ही वसूलने के लिए अपनी सहमति दे सकते हैं’। उन्होंने कहा कि बिना ग्राहक की अनुमति के सर्विस टैक्स वसूली उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अनुचित व्यापार प्रक्रिया मानी जाएगी।
पासवान ने कहा कि सेवा शुल्क के बारे में ग्राहकों को मेनू कार्ड में ही जानकारी दी जानी चाहिए।
खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ना तय
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि होटल कारोबारियों के पास अपने मेन्यू का प्राइस बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। सर्विस चार्ज का पैसा वेटर और कर्मचारियों के बीच ही बंटता है। इससे उन्हें महीने के 2,000 रुपए तक की कमाई हो जाती थी। अब इसकी भरपाई रेस्टोरेंट मालिक को ही करनी क्योंकि कर्मचारी अपनी सैलरी बढ़ाने का दबाव बनाएंगे।
Latest Business News