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मूडीज का भारत की रेटिंग घटाना हैरान करने वाला कदम नहीं: एसबीआई रिपोर्ट

कोरोना संकट से 21 अभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की रेटिंग या आउटलुक में गिरावट

<p>SBI on Rating downgrade</p>- India TV Paisa Image Source : GOOGLE SBI on Rating downgrade

नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग को घटाना हैरान करने वाला कदम नहीं है। एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने कोविड-19 संकट फैलने के बाद से करीब 21 उभरती अर्थव्यवस्थाओं का रेटिंग आउटलुक कम किया है। मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को घटाकर नकारात्मक परिदृश्य के साथ बीएए3 कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि उसने धीमी वृद्धि दर, बढ़ते कर्ज तथा वित्तीय प्रणाली में दबाव के मद्देनजर यह कदम उठाया है। भारत की रेटिंग घटाने के अलावा मूडीज ने 11 भारतीय बैंकों की रेटिंग पर भी कदम उठाया है।

एसबीआई की शोध रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में कहा गया है, ‘रेटिंग में कटौती उम्मीद के विपरीत नहीं है। आंकड़ों से पता चलता है कि बाजार रेटिंग में कमी से प्रभावित नहीं हुआ है। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों में लाभ दर्ज हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपया भी मजबूत हुआ है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अकेला देश नहीं है जिसकी रेटिंग घटाई गई है। अभी तक दुनिया के 21 उभरते और विकासशील देशों की या तो रेटिंग घटाई गई है या परिदृश्य घटाया गया है। यह पूरी तरह हैरान करने वाला नहीं है क्योंकि दबाव के समय विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उभरते बाजारों की रेटिंग घटने की आशंका अधिक रहती है। रिपोर्ट कहती है कि रेटिंग कार्रवाई भारत सरकार की ऋण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता को लेकर नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कुल कर्ज का सॉवरेन विदेशी कर्ज करीब 20 प्रतिशत है। विदेशी मुद्रा भंडार का मौजूदा स्तर ऋण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

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