मुंबई। नाटकीय घटनाक्रम के बीच टाटा समूह की दुधारू गाय कही जाने वाली टीसीएस के शेयरधारकों ने आज अपने निदेशक मंडल से साइरस मिस्त्री को हटाने के बारे में लाये गये प्रस्ताव पर मतदान कर दिया। मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन पद से पहले ही हटाया जा चुका है। मिस्त्री को कंपनी के निदेशक पद से हटाने के लिए कंपनी की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में यह मतदान हुआ। इस अवसर पर मिस्त्री ने कहा है कि उनकी लड़ाई पद के लिए नहीं है, बल्कि वह देश के सबसे बड़े समूह की आत्मा को बचाने के लिए लड़ रहे हैं।
मिस्त्री की विदाई तय
- समझा जाता है कि टाटा की टीसीएस में 73 प्रतिशत हिस्सेदारी के मद्देनजर मतदान उसके पक्ष में ही गया है।
- हालांकि, औपचारिक तौर पर मतदान के बाद परिणाम की औपचारिक तौर पर तत्काल घोषणा नहीं की गई।
- खास बात यह है कि मिस्त्री असाधारण आम बैठक में शामिल नहीं हुए।
- टीसीएस उन सात कंपनियों में से पहली है जिनके बोर्ड से इस महीने के दौरान मिस्त्री को हटाने का प्रस्ताव लाया जाएगा।
- टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा बैठक के दौरान उपस्थित रहे।
- टीसीएस के अंतरिम चेयरमैन ने बैठक की अध्यक्षता करने से खुद को अलग कर लिया।
- हालांकि, 73 प्रतिशत स्वामित्व के साथ मतदान का नतीजा लगभग तय माना जा रहा है।
कुछ शेयरधारकों ने मिस्त्री का किया समर्थन
- इस निरंतर जारी मुद्दे को लेकर अल्पांश शेयरधारकों के बीच विभाजन दिखा।
- कुछ अल्पांश शेयरधारकों ने मिस्त्री के पक्ष में आवाज उठाई।
- कुल 150 मिनट तक चली ईजीएम में 38 शेयरधारकों ने अपनी बात रखी।
- अधिकांश ने टाटा का समर्थन किया।
- कुछ गिने चुने शेयरधारकों ने मिस्त्री का समर्थन किया और उनके लिए तालियां भी बजीं।
- स्वतंत्र निदेशक अमन मेहता ने बैठक की अध्यक्षता की।
मेहता ने कहा कि मिस्त्री ने प्रवर्तक समूह टाटा संस और टाटा ट्रस्ट का विश्वास और भरोसा गंवा दिया है। जबकि उन्होंने ही मिस्त्री को नामांकित किया था। टीसीएस के बेहतर हित में यह होगा कि मिस्त्री अब हट जाएं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र निदेशकों ने पूरे मुद्दे को विस्तार से समझने के लिए अलग से बैठक की। यह हम सभी को यह स्पष्ट है कि मौजूदा मुद्दे से कंपनी के कामकाज पर कुछ नकारात्मक असर पड़ेगा।
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