इंदौर। देश में अब कोयले की कमी के कारण कोई थर्मल पावर प्लांट बंद नहीं हो रहा और ना ही इसकी वजह से बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है। केंद्रीय कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया है कि देश में कोयला उत्पादन परिदृश्य तेजी से बदला है और अब कोई भी थर्मल पावर प्लांट कोयले की कमी का सामना नहीं कर रहा है। गौरतलब है कि देश में कोयले की कमी के चलते कई बार थर्मल पावर प्लांट को बंद करना पड़ा है।
पावर प्लांट्स के पास 25 दिनों का कोयला उपलब्ध
पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘यूपीए सरकार के दौरान एक समय ऐसा था जब देश के दो तिहाई थर्मल पावर प्लांट्स को कोयले की कमी के चलते कुछ समय के लिए बंद करना पड़ गया था। लेकिन अब एक भी ऐसा प्लांट नहीं है जो कोयले की कमी से जूझ रहा हो।’ उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में पावर प्लांट्स के पास कम से कम 25 दिनों का कोल स्टॉक उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त खदानों से इतना उत्पादन हो रहा है कि देश पावर प्लांट्स बिना किसी समस्या के 40 दिनों तक चलाए जा सकते हैं।
कोयला खदानों की नीलामी में बढ़ी पारदर्शीता
गोयल ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने पिछले 18 महीनों के दौरान कोयला खदानों की पारदर्शी तरीके से नीलामी के जरिए ही कोयला क्षेत्र को पुनर्जीवित कर दिया है। उन्होंने बताया कि जहां पिछले वित्तीय वर्ष में कोयला उत्खनन क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों की उत्पादन बढ़ोतरी दर 7 फीसदी रही वहीं मौजूदा फाइनेंशिल इयर में यह 9.5 फीसदी पर है।
ऑक्शन के जरिये मिलेंगे कोल ब्लॉक
स्टील और कोयला जैसे सेक्टरों को कोयला ब्लॉक का आवंटन ऑक्शन के जरिये किया जाएगा। सरकार ने यह फैसला इसलिए किया है कि ताकि आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। ये उद्योग कोयला स्रोत आवंटन के मामले में गैर विनियमित क्षेत्र में आते हैं। बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि यह फैसला मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया है। उन्होंने बताया कि सीसीईए ने गैर विनियमित क्षेत्रों को सिर्फ ऑक्शन के जरिये कोयला ब्लॉक देने की अनुमति दी है।
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