नई दिल्ली। भारत में भले ही पेट्रोल ऑर डीजल की महंगाई और कारों का ऑड ईवन फॉर्मूला बहस के मुद्दे तक सीमित हो। वहीं दूसरी ओर स्कैंडिनेवियन कंट्री नॉर्वे आगे बढ़कर कुछ अलग करने जा रहा है। नॉर्वे दुनिया का ऐसा पहला देश बनने जा रहा है जहां डीजल-पेट्रोल से चलने वाली कारों पर पूरी तरह बैन लग जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नॉर्वे में सरकार और विपक्षी दल के बीच इस बात की सहमति बनी है कि 2025 तक नॉर्वे की सड़कों से पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाए।
हालांकि अभी तक ये सब कुछ एक प्रस्ताव तक ही सीमित है। वहां की सरकार फिलहाल इस पर विचार कर रही है। लेकिन इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद नॉर्वे यह ऐतिहासिक कदम उठाने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। नॉर्वे के एक अखबार के मुताबिक नॉर्वे की शासक पार्टी सभी गैसोलिन कारों को हटा लेगी।
तस्वीरों में देखिए हाइब्रिड कारें
Hybrid Cars
Toyota Camry
Toyota Prius
Honda Accord
e2o
passat GTE
Verito
nissan x trail
sonata
हालांकि ऐसा नहीं है कि नॉर्वे के पास पेट्रोलियम पदार्थों की कमी है। नॉर्थ यूरोप का यह देश पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, और खनिज का प्रमुख उत्पादन देश है। लेकिन इस कार्य से वह पूरी तरह पर्यावरण और प्राकृतिक संपदा का संरक्षण करने मे सबसे आगे हो जाएगा। प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से मिडिल ईस्ट के बाद ये दुनिया का सबसे ज्यादा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का उत्पादन करने वाला देश है।
नॉर्वे ऊर्जा के नए संसाधनों के विकास पर तेजी से काम कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि नॉर्वे 2020 तक अपने आपको मौजूदा पवन ऊर्जा से तीन गुना कर देगा। इस समय नॉर्वे में इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाली गाड़ियो की संख्या 24 फीसदी है।
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