नयी दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्यों में माल एवं सेवा कर संग्रह वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि विनिर्माण वाले बड़े राज्यों के मुकाबले अधिक है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में दर्ज की गयी। यह राष्ट्रीय औसत 9 प्रतिशत के मुकाबले तीन गुना अधिक है। निरपेक्ष रूप से कुल कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जुलाई में बढ़कर 3.
56 लाख करोड़ रुपये रहा।
पूर्वोत्तर राज्यों में नगालैंड में अप्रैल-जुलाई के दौरान सर्वाधिक 39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी और 393 करोड़ रुपये रहा। उसके बाद अरूणाचल प्रदेश का स्थान रहा जहां आलोच्य अवधि में यह 35 प्रतिशत बढ़कर 514 करोड़ रुपये रहा। सिक्किम में यह 32 प्रतिशत बढ़कर 370 करोड़ रुपये रहा।
आंकड़ों के अनुसार, मेघालय में जीएसटी संग्रह चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान 30 प्रतिशत बढ़कर 680 करोड़ रुपये, मिजोरम 27 प्रतिशत बढ़कर 350 करोड़ रुपये रहा। त्रिपुरा और मणिपुर में भी जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर्ज की गयी। कुल 37 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में क्रमश: 2 प्रतिशत, 17 प्रतिशत और 8 प्रतिशत की कमी आयी।
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