नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि 86 प्रतिशत पुरानी मुद्रा को चलन से बाहर करने के अभूतपूर्व निर्णय के कुछ हफ्तों बाद ही मुद्रा की सामान्य स्थिति को बहाल कर लिया गया था और बाजार में नई मुद्रा की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के नोट छपाई कारखाने और भारतीय प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) ने नए बैंक नोट जारी करने के लिए लगातार बिना विराम के काम किया है।
- एसपीएमसीआईएल के 11वें स्थापना दिवस पर यहां जेटली ने कहा कि नोटबंदी को लेकर आरोप लगाना या व्यंग्यात्मक टिप्पणियां करना आसान काम है।
- उन्होंने कहा, लेकिन इसे लागू करना सबसे मुश्किल काम है। यह शायद दुनिया का सबसे बड़ा नोटबंदी अभियान है, जिसका लक्ष्य भ्रष्टाचार, काला धन और जाली मुद्रा की जड़ों पर प्रहार करना था।
- जेटली ने कहा कि अक्सर लोग यह कहते रहे हैं कि मुद्रा की स्थिति को सामान्य बनाने में कम से कम सात महीने या एक वर्ष तक लग सकता है लेकिन हकीकत में इसे कुछ हफ्तों में ही पूरा कर लिया गया था।
- उन्होंने कहा, सामान्य स्थिति को कुछ ही हफ्तों में बहाल कर लिया गया था और बाजार में बैंक नोटों की एक दिन के लिए भी कोई कमी नहीं रही।
- नोटबंदी के बाद नवंबर और दिसंबर में एसपीएमसीआईएल ने 24 घंटे तीन शिफ्ट में काम किया।
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