नई दिल्ली। रिलायंस जियो के प्रवेश के बाद दूरसंचार क्षेत्र में जो उथल-पुथल की स्थिति बनी है, वह एकीकरण के बाद थम जाएगी और इस क्षेत्र में नौकरियों पर कोई खतरा नहीं है। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने यह कहा। नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में हुई उपलब्धियों की बात करते हुए सिन्हा ने कहा, दूरसंचार क्षेत्र एक खुला बाजार है। हम इसमें किसी को प्रवेश से नहीं रोक सकते। मैं एक बात कहूंगा कि 2003 में जब नए खिलाड़ी बाजार में उतरे थे तो उथल-पुथल हुई थी, लेकिन एक-दो साल में सबकुछ ठीक हो गया था। मुझे नहीं लगता कि नौकरियों पर कोई खतरा है। पिछले साल सितंबर में रिलायंस जियो के प्रवेश के बाद से मौजूदा ऑपरेटरों एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया का कारोबार घटा है।
इस प्रतिस्पर्धा से ग्राहकों को जरूर फायदा हुआ है क्योंकि मोबाइल डेटा की दरें 10 रुपए प्रति गीगाबाइट तक आ गई हैं, जो एक साल पहले 200 रुपए प्रति जीबी थीं। रिलायंस कम्युनिकेशंस और आइडिया को बीते वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घाटा हुआ। वोडाफोन और आइडिया अपने कारोबार का विलय करने की प्रक्रिया में हैं। आरकॉम, सिस्तेमा श्याम और एयरसेल भी अपने मोबाइल कारोबार का विलय कर रही हैं। बताया जाता है कि आरकॉम और टाटा टेलीसर्विसेजे ने खराब प्रदर्शन के आधार पर 500 से 600 नौकरियों की कटौती की है।
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