वित्त मंत्री ने कहा, मैं पहले ही इसका खंडन कर चुका हूं। मैं पहले ही कह चुका हूं कि हम इसके पक्ष में नहीं हैं। जेटली ने कहा, अमीर किसान विरले ही हैं। देश में अमीर किसान कोई सामान्य बात नहीं बलिक एक अपवाद है। ऐसे में जबकि आपको मुश्किल में पड़े कृषि क्षेत्र की मदद की जरूरत है, वहां कर लगाने की कोई बात नहीं हो सकती। यह इसका समय नहीं है।
वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए बल्कि उनकी मदद की जानी चाहिए। सरकार इसको लेकर स्पष्ट है। जेटली ने कहा, किसी भी रूप में केंद्र सरकार के पास इसका अधिकार नहीं है। कृषि आय पर कर लगाने का अधिकार राज्यों का है। मेरा अपना विचार यह है कि कोई भी राज्य ऐसा नहीं करेगा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या भी स्पष्ट कर चुके हैं कि कृषि आय पर कर लगाने का विचार देवराय की अपनी राय है और यह आयोग का विचार नहीं है।
उन्होंने कहा, अब अगला चरण संयुक्त ऋण मंच (जेएलएफ) व्यवस्था के जरिए होगा। इसका निपटान शुरू किया जाना चाहिए और हम उम्मीद करते हैं कि बैंक जेएलएफ व्यवस्था को सफल बनाने के लिए सहयोग करेंगे। जेएलएफ व्यवस्था 2014 में प्रभाव में आई थी। हालांकि, यह प्रणाली सुगमता से काम नहीं कर सकी है क्योंकि बैंकों में इस बात को लेकर सहमति नहीं बन पाती है कि इस पर किस तरीके से आगे बढ़ा जाए।
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