नयी दिल्ली। बिजली संयंत्रों में कोयले के कम भंडार के लिए कोयला सचिव सुशील कुमार ने संयंत्रों को ही जिम्मेदार ठहराया है। कुमार ने कहा कि कोयले की कोई कमी नहीं है और संयंत्रों को कोयले का भंडार रखने को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के दिशानिर्देशों का अनुपालन करना चाहिए। कुमार ने कहा, कुछ लोग ऐसी धारणा सिर्फ अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए बना रहे हैं जिससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा कोयला मिल सके। इस तरह की धारणा नहीं बनाई जानी चाहिए। कोयले की कोई कमी नहीं है।
कोयला सचिव ने जोर देकर कहा कि कोयले की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि 10 अक्तूबर तक कोल इंडिया के पास खान के पास (पिट हेड) 3.03 करोड़ टन का कोयला भंडार था। कुमार ने स्पष्ट करते हुए कहा कि इस समस्या की मुख्य वजह यह है कि कई बिजली संयंत्रों ने कोयले के 22 दिन के भंडार पर सीईए के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है। यह कोयला मंत्रालय का निर्देश नहीं है। यह बिजली मंत्रालय का निर्देश है।
कुमार ने कहा कि यदि बिजली संयंत्र सीईए के दिशानिर्देशों के अनुरूप कोयले का भंडारण नहीं करेंगे तो मानसून के दौरान उन्हें कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अब कुछ मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री भी यह मुद्दा उठा रहे हैं। मैंने सभी को पत्र लिखकर कहा है कि जून में बताया गया था कि आप सीईए के दिशानिर्देशों के अनुरूप भंडारण करें, क्योंकि मानसून के दौरान इसमें बाधा आ सकती है। इसके अलावा कोल इंडिया के कर्मचारियों के भी हड़ताल पर जाने का अंदेशा है। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि लोगों को अनुशासन कायम रखना चाहिए और दिशानिर्देशों को पूरा करना चाहिए।
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