नई दिल्ली। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को कहा कि सरकार की गेहूं का आयात शुल्क मौजुदा 10 प्रतिशत से आगे और बढ़ाने की तत्काल कोई योजना नहीं है। फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में करीब 9 करोड़ 74 लाख टन के रिकॉर्ड घरेलू उत्पादन को देखते हुए गेहूं आयात पर अंकुश लगाने के लिए 28 मार्च को 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया गया था। इससे पहले करीब चार माह के दौरान गेहूं पर कोई आयात शुल्क नहीं था।
पासवान ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाने की तत्काल कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में बंपर फसल उत्पादन के मद्देनजर घरेलू बाजार में गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। उद्योग जगत के आंकड़ों के अनुसार गेहूं पर आयात शुल्क लगाये जाने के बाद इसका अधिक आयात नहीं हुआ। इससे पहले मार्च महीने के अंत वित्तवर्ष के दौरान शून्य सीमा शुल्क पर करीब 55 लाख टन गेहूं का आयात दर्ज किया गया है।
व्यापारियों के अनुसार मौजूदा समय में गेहूं की वैकि कीमत अधिक है। उदाहरण के लिए आम तौर पर भारत द्वारा आयात किये जाने वाले आस्ट्रलियाई गेहूं की कीमत कम फसल होने की वजह से 15 से 20 प्रतिशत उुंची है। यूक्रेन से गेहूं की कुछ मात्रा का आयात किया जा रहा है। सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है क्योंकि उसने वर्ष 2016-17 में 3 करोड़ 8 लाख टन गेहूं की खरीद की है। इसके साथ ही थोक बिक्री बाजार में गेहूं के दाम 18 से 20 रुपये किलो के दायरे में स्थिर हैं।
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