नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने डेबिट कार्ड डाटा में सेंध लगाने के मामले में त्वरित कार्रवाई का वादा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि 32 लाख से अधिक कार्ड से जुड़े डाटा में सेंध की आशंका से घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने इस मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है और रिपोर्ट मिलने के बाद उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
शक्तिकांत दास ने कहा,
ग्राहकों को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि यह हैकिंग कम्प्यूटर के जरिये की गई है और इसके तह तक आसानी से पहुंचा जा सकता है, जो भी कार्रवाई की जरूरत होगी, वह त्वरित की जाएगी।
देश के बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित करने वाली डाटा सुरक्षा में अपनी तरह की सबसे बड़ी सेंधमारी की घटना से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई बैंकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है। डाटा में यह सेंध कुछ एटीएम प्रणालियों में साइबर मॉलवेयर हमले के रूप में हुई है।
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- वित्तीय सेवा विभाग में अतिरिक्त सचिव जीसी मुरुमू ने कहा कि कुल डेबिट कार्ड में से केवल 0.5% की सुरक्षा में सेंधमारी हुई है।
- बाकी 99.5 प्रतिशत डेबिट कार्ड पूरी तरह सुरक्षित हैं और बैंक ग्राहकों को चिंता नहीं करनी चाहिए।
- इस समय देश में लगभग 60 करोड़ डेबिट कार्ड हैं, जिनमें 19 करोड़ तो रूपे कार्ड हैं, जबकि बाकी वीजा और मास्टरकार्ड हैं।
- भारतीय स्टेट बैंक सहित अनेक बैंकों ने बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड वापस मंगवाए हैं।
- अनेक अन्य बैंकों ने सुरक्षा सेंध से संभवत: प्रभावित एटीएम कार्डों पर रोक लगा दी है।
- बैंकों ने ग्राहकों से कहा है कि वे इनके इस्तेमाल से पहले पिन अनिवार्य रूप से बदलें।
- अब तक 19 बैंकों ने धोखाधड़ी से पैसे निकालने की सूचना दी है।
- शिकायत मिली है कि कुछ कार्ड का चीन व अमेरिका सहित अनेक देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि ग्राहक भारत में ही हैं।
- एनपीसीआई के मुताबिक 641 ग्राहकों ने कुल मिलाकर 1.3 करोड़ रुपए की अवैध या फर्जी तरीके से निकासी की शिकायत की है।
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