नई दिल्ली। सड़क परिवहन मंत्रालय कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पॉलिसी लाने जा रही है। नई पॉलिसी के तहत कॉमर्शियल जरूरतों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टैक्सी, ऑटो-रिक्शा और इलेक्ट्रिक बसों के लिए परमिट की जरुरत नहीं होगी। दरअसल सरकार वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए नया कदम उठा सकती है। हालांकि, इन्हें चलाने के लिए रजिस्ट्रेशन और न्यूनतम सुरक्षा उपायों की जरूरत है।
करप्शन पर लगेगी लगाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों लिए परमिट की जरूरत को खत्म करने से करप्शन पर लगाम कसी जा सकेगी। हालांकि, सरकार जीपीएस, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरे और इंश्योरेंस जैसा सुरक्षा उपायों पर कतई समझौता नहीं करेगी। यह भी पढ़े: देश में नहीं बिकेंगी पेट्रोल-डीजल कारें, सरकार बना रही है 2030 तक केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाने की योजना
इलेक्ट्रिक बसों के लिए सॉफ्टबैंक से लोने लेने की तैयारी
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा, इलेक्ट्रिक भविष्य है। हम दो लाख इलेक्ट्रिक बसों की लॉन्चिंग का भी सपना देख रहे हैं। हम इसे योजना के लिए जापान के सॉफ्ट बैंक जैसे ग्रुप से सस्ते रेट पर लोन हासिल करने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं। उनके पास ग्रीन फंड मौजूद है। यह भी पढ़े: Tesla ने पेश की नई दमदार इलेक्ट्रिक कार 100D, एक बार चार्ज करने पर चलेगी 540 किमी
नागपुर में लॉन्च हुआ मल्टी-मोडल इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रॉजेक्ट
यात्रियों को लाने ले जाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को नागपुर में मल्टी-मोडल इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रॉजेक्ट लॉन्च किया। इसके तहत 200 इलेक्ट्रिक वीकल्स का काफिला सौंपा गया है। इन वाहनों में ऑटो रिक्शा, बसें और टैक्सी शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर वाहनों की सप्लाई M&M ने की है।यह भी पढ़ें: रेनॉ की इलेक्ट्रिक कार Twizy है बेहद दमदार, एक बार चार्ज करने पर चलती है 90 किमी
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