पूंजी के लिए सरकार के पास जाने की जरूरत नहीं, बाजार से धन जुटाएंगे: पीएनबी
पीएनबी को शेयर धारकों से बाजार से 14,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने सोमवार को कहा कि उसका पूंजी के लिए सरकार के पास जाने का विचार नहीं है और उसका इरादा बाजार से धन जुटाने का है। पीएनबी के प्रबंध निदेशक एस एस मल्लिकार्जुन राव ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैंक के शेयरधारकों ने कोविड-19 के प्रभाव को कम करने और वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए बाजार से 14,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी है। इसमें 7,000 करोड़ रुपये इक्विटी के रूप में जुटाए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आज की तारीख में हमारा पूंजी के लिए सरकार के पास जाने का इरादा नहीं है। यदि आप बाजार के रुख का देखें, तो उसमें सार्वजनिक क्षेत्र को योगदान देने की इच्छा दिखती है।’’
उन्होंने कहा कि इसका पता हाल में जारी बैंक ऑफ बड़ौदा और पीएनबी के टियर-2 बांड से चलता है। इसके लिए कूपन दर काफी उचित रखी गई थी। राव ने कहा, ‘‘बाजार में इसको लेकर इच्छा दिखती है। ऐसे में जब तक हम बाजार को आजमा नहीं लेते, सरकार के पास जाना उचित नहीं होगा। हमें टियर दो और टियर एक बांड के लिए दूसरी और तीसरी तिमाही में बाजार में जाने को लेकर भरोसा है। तीसरी तिमाही के अंत या चौथी तिमाही के दौरान हम पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) पर विचार कर रहे हैं।’’ बैंक के शेयर के कम दाम के बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा कि सरकार के पास पीएनबी के 85.5 प्रतिशत शेयर हैं। बाजार में सिर्फ 15 प्रतिशत शेयरों का कारोबार होता है। सोमवार को बीएसई में बैंक का शेयर 35.30 रुपये पर था। वहीं अगस्त, 2019 के अंतिम सप्ताह में बैंक का शेयर 65 रुपये पर था। राव ने कहा कि बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 85.5 प्रतिशत है। बेहतर प्रदर्शन के बावजूद बाजार में बैंक के काफी कम शेयर हैं। ऐसे में शेयर कीमतों में आक्रामक तरीके से तेजी की संभावना नहीं बनती है।
धन जुटाने के और तरीकों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बैंक चालू वित्त वर्ष में रीयल एस्टेट की बिक्री से 500 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रहा है। राव ने बताया कि बैंक को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में लंबित मामलों के समाधान से 6,000 से 8,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। राव ने कहा कि बैंक ने अपनी आवास ऋण इकाई पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में तरजीही निर्गम या राइट्स इश्यू के जरिये 600 करोड़ रुपये डालने की योजना बनाई है। इसके लिए रिजर्व बैंक की अनुमति ली जाएगी।