नयी दिल्ली। आम आदमी को बजट से पेट्रोल-डीजल की कीमतों कमी जैसी कोई राहत नहीं मिली, क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन तेल उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कटौती की, लेकिन साथ ही उपकर लगा दिया। आम बजट 2021-22 में वित्त मंत्री ने कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगाया, और उतनी ही उत्पाद शुल्क में कटौती कर दी, जिसका खामियाजा राज्यों को उठाना पड़ेगा। गैरतलब है कि केंद्र सरकार को उपकर राज्यों के साथ साझा नहीं करना पड़ेगा, जबकि उत्पाद शुल्क को साझा करना पड़ता है।
इसके अलावा बजट में पीएसयू कंपनी गेल और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के तेल और गैस पाइपलाइन के मौद्रीकरण का प्रस्ताव भी किया। गरीब महिलाओं को मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन मुहैया कराने वाली उज्ज्वला योजना का विस्तार एक करोड़ लाभार्थियों तक किया जाएगा। इसके अलावा बजट में जम्मू-कश्मीर के लिए गैस पाइपलाइन परियोजना के साथ ही एक स्वतंत्र गैर परिवहन प्रणाली परिचालक (टीएसओ) का प्रस्ताव भी किया गया।
पेट्रोल पर 2.50 और डीजल पर 4 रुपए का लगा कृषि सेस
सीतारमण ने अपने बजट में पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.5 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर चार रुपये के कृषि उपकर का प्रस्ताव भी किया। हालांकि, इतनी ही राशि उत्पाद शुल्क के रूप में घटाकर इस बढ़ोतरी को समायोजित किया जाएगा। इस समय पेट्रोल पर बुनियादी उत्पाद शुल्क (बीईडी) 2.98 रुपये प्रति लीटर है और 12 रुपये प्रति लीटर की दर से विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) और 18 रुपये प्रति लीटर की दर से सड़क तथा अवसंरचना उपकर लिया जाता है।
कृषि उपकर को समायोजित करने के लिए बीईडी को घटाकर 1.4 रुपये प्रति लीटर और एसएईडी को 11 रुपये प्रति लीटर किया गया है। इसी तरह डीजल पर बीईडी को 4.83 रुपये से घटाकर 1.8 रुपये प्रति लीटर और एसएईडी को नौ रुपये से घटाकर आठ रुपये किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या को आठ करोड़ से बढ़ाकर नौ करोड़ किया जाएगा।
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