नई दिल्ली। राजस्व विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि ऐसे लोगों पर, जो अपनी पुरानी कार या पुराने सोने के आभूषणों को बेचना चाहता है उसे वस्तु एवं सेवा कर (GST) नहीं देना होगा। क्योंकि इस तरह की बिक्री किसी कारोबारी मकसद से नहीं की जाती है।
इससे पहले राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी मास्टर क्लास में सूचित किया था कि सर्राफा कारोबारी द्वारा किसी उपभोक्ता से पुराने गहने खरीदने पर केंद्रीय जीएसटी कानून, 2017 की धारा 9 (4) के प्रावधान में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के तहत तीन प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा।
राजस्व विभाग ने इस बयान का स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस धारा को एक अन्य धारा के साथ पढ़ा जाना चाहिए, जो कहती है कि किसी व्यक्ति द्वारा पुराने सोने की बिक्री अपने कारोबार के लिए नहीं की जा रही है और ऐसे में इसे आपूर्ति नहीं माना जा सकता। इसी के अनुरूप जौहरी या सर्राफा कारोबारी को इस तरह की खरीद पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत जीएसटी नहीं देना होगा। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यही सिद्धांत पुरानी कार या दोपहिया की बिक्री पर भी लागू होगा। इस पर भी जीएसटी नहीं लगेगा।
विभाग ने अपने बयान में आगे कहा है कि धारा 9(4) के तहत यदि कोई गैर पंजीकृत आपूर्तिकर्ता (इस मामले में व्यक्ति) पंजीकृत व्यक्ति (इस मामलें में सर्राफा कारोबारी) को कर योग्य उत्पादों की (इस मामलें में सोना) आपूर्ति करता है तो आरसीएम के तहत उस पर जीएसटी लगेगा। चूंकि इस मामले में बिक्री किसी कारोबारी उद्देश्य के लिए नहीं है, ऐसे में उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि यदि एक गैर पंजीकृत इकाई सोने के आभूषणों को किसी पंजीकृत सप्लायर्स को बेचता है तो उस पर टैक्स लगेगा।
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