नई दिल्ली। कर्मचारियों द्वारा कैंटीन सुविधा के लिए चुकाई गई राशि पर कोई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगेगा। अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने यह व्यवस्था दी है। टाटा मोटर्स ने एएआर की गुजरात पीठ से संपर्क कर यह जानकारी मांगी थी कि क्या उसके कर्मचारियों द्वारा कैंटीन सुविधा के इस्तेमाल के लिए उनसे वसूली गई मामूली राशि पर जीएसटी लगेगा। इसके अलावा कंपनी ने यह भी पूछा था कि क्या कारखाने में काम करने वाले कर्मचारियों को उपलब्ध कराई गई कैंटीन सुविधा पर सेवाप्रदाता द्वारा लिए गए जीएसटी पर इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) की सुविधा मिलेगी।
एएआर ने अपने फैसले में यह कहा है कि टाटा मोटर्स ने अपने कर्मचारियों के लिए कैंटीन की व्यवस्था की है, जिसका संचालन तीसरा पक्ष सेवाप्रदाता द्वारा किया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत कैंटीन शुल्क के एक हिस्से का बोझ कंपनी वहन कर रही है और शेष का कर्मचारी उठा रहे हैं। कर्मचारियों के हिस्से के कैंटीन शुल्क को कंपनी द्वारा जुटाया जाता है और इसे कैंटीन सेवाप्रदाता को दिया जाता है। इसके अलावा टाटा मोटर्स ने यह भी कहा है कि कर्मचारियों से कैंटीन शुल्क वसूली में वह अपने मुनाफे का मार्जिन नहीं रखती है। एएआर ने कहा कि कैंटीन सुविधा पर जीएसटी भुगतान के लिए आईटीसी जीएसटी कानून के तहत प्रतिबंधित क्रेडिट है और आवेदक को इसका लाभ नहीं मिला सकता।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि अभी सब्सिडी वाला खाने-पीने का सामान उपलब्ध कराने वाली कंपनियां कर्मचारियों से इसकी वसूली पर पांच प्रतिशत का कर ले रही हैं। ‘‘एएआर ने अब व्यवस्था दी है कि जहां कैंटीन शुल्क का एक बड़ा हिस्सा नियोक्ता द्वारा वहन किया जाएगा और कर्मचारियों से सिर्फ मामूली शुल्क लिया जाएगा, उनमें जीएसटी नहीं लगेगा।’’
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