अगले साल से रात 9 बजे के बाद ATM में नहीं भरा जाएगा पैसा, गृहमंत्रालय ने जारी किए नए निर्देश
अगले साल से शहरी इलाकों में रात 9 बजे के बाद और ग्रामीण इलाकों में शाम 6 बजे के बाद एटीएम में पैसा नहीं भरा जाएगा। गृह मंत्रालय द्वारा जारी नए निर्देशों के मुताबिक नकदी ले जाने वाले वाहनों पर दो हथियारबंद सुरक्षाकर्मी हमेशा तैनात किए जाएंगे।
नई दिल्ली। अगले साल से शहरी इलाकों में रात 9 बजे के बाद और ग्रामीण इलाकों में शाम 6 बजे के बाद एटीएम में पैसा नहीं भरा जाएगा। गृह मंत्रालय द्वारा जारी नए निर्देशों के मुताबिक नकदी ले जाने वाले वाहनों पर दो हथियारबंद सुरक्षाकर्मी हमेशा तैनात किए जाएंगे। गृहमंत्रालय ने नक्सल प्रभावित इलाकों में एटीएम में पैसा डालने की अवधि दिन में 4 बजे तक तय की है, जबकि प्राइवेट कैश हैंडलिंग एजेंसी को दिन के पहले हाफ में बैंक से नकदी प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है। इतना ही नहीं नकदी को हथियारबंद वाहन में ही ले जाने का आदेश दिया गया है।
एक अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा है कि कैश वैन, कैश वॉल्ट, एटीएम धोखाधड़ी और अन्य आंतरिक धोखाधड़ी के मद्देनजर 8 फरवरी 2019 से नई मानक परिचानल प्रक्रियाएं प्रभाव में लाई जाएंगी। वर्तमान में पूरे देश में लगभग 8,000 प्राइवेट कैश वैन परिचालन में हैं। इन कैश वैन द्वारा रोजाना करीब 15,000 करोड़ रुपए की नकदी का परिवहन किया जाता है। कई बार निजी एजेंसियां पूरी रात नकदी अपने कैश वॉल्ट में रखती हैं।
अधिसूचना में कहा गया है कि शहरी इलाकों में रात्रि नौ बजे के बाद न तो एटीएम में नकदी डाली जा सकेगी और न ही नोटों का परिवहन किया जा सकेगा। ग्रामीण इलाकों के लिए यह समयसीमा शाम छह बजे की है। वहीं नक्सली हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में एटीएम में नकदी डालने का काम शाम चार बजे तक ही किया जा सकेगा। नकदी परिवहन के लिए एजेंसियों को निजी सुरक्षा उपलब्ध करानी होगी। उन्हें इस कार्य के लिए आवश्यक संख्या में प्रशिक्षित कर्मचारियों की मदद लेनी होगी।
प्रत्येक कैश वैन में एक ड्राइवर के अलावा दो सुरक्षा गार्ड, दो एटीएम अधिकारी रखना जरूरी होगा। एक हथियारबंद गार्ड को ड्राइवर के साथ आगे की सीट पर बैठना होगा, जबकि दूसरा गार्ड पिछली सीट पर बैठेगा। नकदी डालने या निकालने के दौरान चाय या भोजनावकाश के समय कम से कम एक हथियारबंद गार्ड को हमेशा नकदी वाली वैन के साथ रहना होगा। मंत्रालय ने कहा है कि नकदी परिवहन के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों की सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्ति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। प्रत्येक कैश वैन में टीपीएस निगरानी उपकरण होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी कैश वैन एक बार में पांच करोड़ रुपए से अधिक की नकदी लेकर नहीं चले।
कोई भी निजी सुरक्षा एजेंसी नकदी परिवहन के लिए किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति पूरी पुलिस जांच, आधार, आवास पते के सत्यापन, पुराने नियोक्ता से पूछताछ और उसकी पृष्ठभूमि की जानकारी लिए बिना नहीं कर सकती है। प्रत्येक कैश बॉक्स को अलग-अलग चेन के साथ बांधा गया होना चाहिए। इसके ताले की चाभी अलग-अलग संरक्षक या एटीएम अधिकारी के पास होनी चाहिए।
एक सुरक्षा अलार्म भी होना चाहिए, जिसमें ऑटो डायलर तथा सायरन की सुविधा हो। हमले की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए कैश वैन में हूटर, आग बुझाने का यंत्र और इमरजेंसी लाइट होनी चाहिए।