नई दिल्ली। पेय जल की मांग को पूरा करने के लिए देश के तीन प्रमुख बंदरगाह- पारादीप, एन्नौर, चिदंबरनार- में समुद्री जल की रीसाइक्लिंग और विलवणीकरण (डीसैलाइनेशन) के लिए संयंत्र लगाए जाएंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह बात कही। इस संबंध में निर्णय प्रमुख बंदरगाहों के चेयरपर्सन की बैठक में लिया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पोत परिवहन मंत्रालय के अधीन आने वाले पारादीप बंदरगाह, कामराज बंदरगाह और वीओ चिदंबरनार बंदरगाह अपने परिसर में पानी रीसाइक्लिंग और समुद्र के पानी के अलवणीकरण के लिए तैयार हैं।
गडकरी ने कहा कि इससे संयंत्र का इस्तेमाल समुद्री जल को पीने योग्य बनाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने बंदरगाहों के अध्यक्षों की एक बैठक बुलाई जिसमें समुद्र के पानी को डीसैलिनेट करने की टेक्नोलॉजी और प्रमुख बंदरगाहों पर उनके इस्तेमाल पर चर्चा की गई। पोत परिवहन मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि बंदरगाहों को निर्देश दिया गया है कि डीसैलाइनेशन संयंत्र तत्काल प्रभाव से लगाए जाने चाहिए।
गडकरी ने बैठक में कहा कि डीसैलाइनेशन संयंत्र का इस्तेमाल बंदरगाहों और आसपास के इलाकों में पेयजल की जरूरतों को पूरी करने में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रयास इस दिशा में भी किए जाने चाहिए कि समुद्र के पानी से मीथेन, कार्बन डायऑक्साइड और बायो-सीएनजी को अलग किया जाए।
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