Niti Innovation Index: इन्नोवेशन में कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु हैं शीर्ष पर, ये तीन राज्य हैं सबसे पीछे
इस सूचकांक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तुलना के लिहाज से 17 प्रमुख राज्यों, 10 पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों तथा नौ शहरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है।
नई दिल्ली। नीति आयोग (Niti Aayog) द्वारा बुधवार को जारी दूसरे नवाचार सूचकांक (Innovation Index) में कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल को शीर्ष पांच राज्यों में स्थान मिला है। आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और सीईओ अमिताभ कांत द्वारा जारी सूचकांक को ग्लोबल इन्नोवेशन इंडेक्स की तर्ज पर विकसित किया गया है।
इन्नोवेशन सूचकांक में झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार का स्थान सबसे नीचे रहा। भारत नवाचार सूचकांक 2020 नवाचार को बढ़ावा देने के प्रयासों तथा उनके सापेक्ष प्रदर्शन के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्थान देता है। इस सूचकांक का मकसद नवचार के क्षेत्र में राज्यों की ताकत और कमजोरियों का पता लगाकर उन्हें इस दिशा में मजबूती लाने के लिए प्रेरित करना है।
इस सूचकांक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तुलना के लिहाज से 17 प्रमुख राज्यों, 10 पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों तथा नौ शहरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है।
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अडानी ग्रीन एनर्जी ने कच्छ में 150 मेगावाट का सौर संयंत्र चालू किया
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) की शाखा अडानी सोलर एनर्जी कच्छ वन लिमिटेड ने गुजरात के कच्छ में 150 मेगावाट का सौर संयंत्र चालू किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के साथ ही कच्छ में अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ की सभी चुनौतियों के बावजूद विशेषज्ञों की टीम ने निर्धारित समय से तीन महीने पहले परियोजना को चालू कर दिया।
इस संयंत्र का गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ 25 वर्षों के लिए 2.67 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद समझौता है। एजीईएल ने बताया कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उसकी कुल परिचालन क्षमता बढ़कर 3,125 मेगावाट हो गई है।
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एलएंडटी को बांग्लादेश से मिला 5000 करोड़ रुपये का ठेका
लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने बुधवार को कहा कि उसकी निर्माण शाखा को बांग्लादेश में 5,000 करोड़ रुपये तक का ठेका मिला है। कंपनी ने बताया कि लार्सन एंड टुब्रो के बिजली पारेषण और वितरण कारोबार को बांग्लादेश में पारेषण लाइन के लिए यह ठेका मिला।
इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी ने ठेके की कीमत के बारे में नहीं बताया, लेकिन कहा कि उसकी परियोजना वर्गीकरण के अनुसार यह बड़ा ठेका है, जिसकी कीमत 2,500 करोड़ रुपये से 5,000 करोड़ रुपये के बीच है। कंपनी ने बताया इस ठेके तहत उच्च वोल्टेज वाली पारेषण लाइनों का डिजाइन, आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और उसे चालू करना शामिल है।
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