नई दिल्ली। नीति आयोग रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही खाका तैयार करेगा, जिसमें विशेष आर्थिक व तटीय क्षेत्रों के लिए अनुकूल नियामकीय प्रणाली विकसित करना भी शामिल है। ताकि व्यापार करने को और सुगम बनाया जा सके। आयोग ने इस बारे में आज सभी भागीदारों की बैठक बुलाई, जिसमें ट्रेड यूनियन तथा उद्योग प्रतिनिधि शामिल थे। इसमें भारत व चीन देशों में श्रमबल के विभिन्न पहलुओं की तुलना करते हुए विस्तृत प्रस्तुती दी गई।
नीति आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आयोग देश में रोजगार सृजन के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुती प्रधानमंत्री के समक्ष पहले ही दे चुका है। आयोग ने इस मुद्दे पर विभिन्न भागीदारों की राय जानने की लिए आज पहली बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि और विचार-विमर्श के बाद एक विस्तृत खाका तैयार किया जाएगा। अधिकारी ने संकेत दिया कि आयोग विशेष आर्थिक व तटीय क्षेत्रों के लिए भिन्न नियामकीय खाके पर विचार कर रहा है ताकि निवेश आकर्षित किया जा सके और रोजगार सृजन हो।
बैठक के बाद इंटक के उपाध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि सरकार ऐसे एकतरफा श्रम सुधार नहीं कर सकती जिससे केवल व्यापार सुगमता बढ़े लेकिन श्रमिकों को उनके अधिकारों से वंचित करे। उन्होंने कहा कि व्यापार सुगमता बढ़ाने के साथ-साथ सरकार को कुशल श्रमबल बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करना चाहिए। भारतीय मजदूर संघ के महासचिव बृजेश उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने रोजगार बढ़ाने के तरीकों पर बातचीत शुरू की है।
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