नई दिल्ली। सरकार को सलाह देने वाली संस्था नीति आयोग ने अपने प्रस्तुतिकरण में कहा कि साल 2022 तक देश को गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता-इन छह समस्याओं से निजात दिलाने के लिए जमीन तैयार कर ली जाएगी। जब देश 2022 में स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने पिछले महीने राज्यपालों के सम्मेलन में न्यू इंडिया @2022 दस्तावेज पेश किया। इसे नीति आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। कुमार ने कहा इसमें विकास को जन आंदोलन बनाने का जोर है ताकि 2022 तक भारत को यह छह प्रकार की आजादी (गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता से आजादी) प्राप्त हो सके।
कुमार के प्रस्तुतिकरण में 2022 तक एक नए भारत की बात की गई है, जो गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता से मुक्त होगा। दस्तावेज में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि नीति आयोग 2022 तक इन छह समस्याओं के निराकरण की आधारशिला रखने की बात कर रहा है। हालांकि, राजीव कुमार ने स्पष्टीकरण दिया कि उनका तात्पर्य 2022 तक ऐसी जमीन तैयार करने से है, जिनमें इन छह समस्याओं से छुटकारा पाया जा सके।
दस्तावेज में दिखाया गया है कि सरकार 2019 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 500 से अधिक आबादी वाले (विशेष इलाकों में 250 से अधिक की आबादी वाले) वाले साथ गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ सकती है। साथ ही, 2022 तक भारत में 20 विश्वस्तरीय उच्च शिक्षण संस्थानों की परिकल्पना की गयी है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई) के तहत चयनित सभी गांव 2022 तक आदर्श गांव का दर्जा प्राप्त कर सकते हैं।
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