जारी हुआ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ग्रोथ का रिपोर्ट कार्ड, जानिये आपका राज्य है किस स्थान पर
गरीबी हटाने का लक्ष्य, सभी को भोजन का लक्ष्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, लैंगिक समानता, पेयजल और स्वच्छता, ऊर्जा, आर्थिक विकास, इंफ्रस्ट्रक्चर, समानता आदि के आधार पर रैंकिंग
नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को भारत एसडीजी सूचकांक का तीसरा संस्करण जारी किया। भारत में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से विकसित एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21सभी राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों की प्रगति को 115 प्रमुख पैमानों पर आंकता है। एसडीजी भारत सूचकांक 2020-21 में केरल ने अपनी शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, जबकि बिहार का प्रदर्शन सबसे बुरा रहा। केंद्र शासित प्रदेशों में 79 अंक के साथ चंड़ीगढ़ को शीर्ष स्थान मिला, जिसके बाद 68 अंक के साथ दिल्ली का स्थान रहा। वर्ष 2020-21 में सबसे अधिक बढ़त मिजोरम, हरियाणा और उत्तराखंड ने दर्ज की। वहीं भारत का कुल एसडीजी सूचकांक 2020-21 में छह अंकों के सुधार के साथ 60 से बढ़कर 66 अंक हो गया। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट हमारे एसडीजी प्रयासों के दौरान तैयार की गई साझेदारी और उसकी मजबूती को दर्शाती है। इससे पता चलता है कि किस तरह मिलकर की गई पहलों के जरिए बेहतर नतीजे पाए जा सकते हैं।’’
राज्यों में क्या है रैंकिंग
- केरल
- हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड
- सिक्किम
- महाराष्ट्र
- गुजरात, तेलंगाना
- मिजोरम, पंजाब
- हरियाणा, त्रिपुरा
- मणिपुर
- मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल
- छत्तीसगढ़, नागालैंड, ओडिशा
- अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, उत्तर प्रदेश
- असम,
- झारखंड
- बिहार
केंद्र शासित प्रदेश
- चंडीगढ़
- दिल्ली
- पुडुचेरी
- लक्षद्वीप
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
- जम्मू एंड कश्मीर
- लद्दाख
- दादर एवं नागर हवेली, दमन एव दीव
क्या है ये इंडेक्स
इंडेक्स में कई लक्ष्य और पैमाने रखे गये हैं जिनको पूरा करने के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग तय होती है। इसमें गरीबी हटाने का लक्ष्य, सभी को भोजन का लक्ष्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, लैंगिक समानता, पेयजल और स्वच्छता, ऊर्जा, आर्थिक विकास, इंफ्रस्ट्रक्चर, समानता आदि शामिल हैं। इस सूचकांक की शुरुआत दिसंबर 2018 में हुई थी और यह देश में एसडीजी पर प्रगति की निगरानी के लिए प्रमुख साधन बन गया है। पहले संस्करण 2018-19 में 13 ध्येय, 39 लक्ष्यों और 62 संकेतकों को शामिल किया गया था, जबकि इस तीसरे संस्करण में 17 ध्येय, 70 लक्ष्यों और 115 संकेतकों को शामिल किया गया।
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