कारोबार सुगमता में सुधार के लिए मजबूत बिजली वितरण क्षेत्र जरूरी: राजीव कुमार
वित्त वर्ष 2020-21 में बिजली वितरण कंपनियों को हर साल 90,000 करोड़ रुपये घाटा होने का अनुमान
नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा कि कारोबार सुगमता तथा जीवन को और आसान बनाने के लिये एक मजबूत एवं कुशल बिजली वितरण क्षेत्र जरूरी है। ‘बिजली वितरण क्षेत्र में बदलाव’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी करते हुए कुमार ने कहा कि यह रपट बिजली वितरण में निजी क्षेत्र की भूमिका, बिजली खरीद, नियामक निरीक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण तथा बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने जैसे कई महत्वपूर्ण सुधारों की पड़ताल करती है। कुमार के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘चाहे कारोबार सुगमता हो या फिर जीवन को और आसाना बनाना, एक मजबूत और दक्ष बिजली वितरण क्षेत्र जरूरी है।’’
रिपोर्ट को नीति आयोग, आरएमआई (रॉकी माउंटेन इंस्टिट्यूट) और आरएमआई इंडिया ने मिलकर तैयार किया है। बयान के अनुसार नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने कहा कि यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं को वितरण क्षेत्र की दक्षता में सुधार लाने और लाभदायक बनाने के लिये सुधार विकल्पों का पूरा खाका प्रस्तुत करती है।’’ बयान के अनुसार देश में अधिकतर बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को हर साल घाटा होता है। वित्त वर्ष 2020-21 में कुल नुकसान 90,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसमें कहा गया है कि इस संचयी घाटे के कारण डिस्कॉम समय पर बिजली उत्पादकों का भुगतान, उच्च गुणवत्ता वाली बिजली सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निवेश करने या अधिक मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के लिये खुद को तैयार करने में असमर्थ हैं।
रिपोर्ट में भारतीय और वैश्विक बिजली वितरण क्षेत्र में सुधार के प्रयासों की समीक्षा की गयी है और यह देश में मौजूद नीतिगत अनुभव से मिली सीख तथा बेहतर गतिविधियों को सामने लाती है। आरएमआई के प्रबंध निदेशक क्ले स्ट्रेंजर ने कहा, ‘‘डिस्कॉम की समस्याओं के मजबूत और दीर्घकालिक समाधान के लिए नीति में बदलाव के साथ-साथ संगठनात्मक, प्रबंधकीय और तकनीकी सुधारों की आवश्यकता है।’’