डिजिटल पेमेंट करने पर सरकार देगी इंसेटिव, हर हफ्ते होगा लकी ड्रॉ और 3 महीने पर विजेता को मिलेगा ग्रैंड प्राइज
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इन्हीं में से एक है डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए 'इंंसेंंटिव स्कीम' लाना।
नई दिल्ली। नोटबंदी के निर्णय के बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इन्हीं कुछ कदमों में से एक है डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए ‘इंंसेंंटिव स्कीम’ लाना। इस प्रस्तावित स्कीम के तहत लोगों को कई तरह के पुरस्कार दिए जाएंगे। एक तरफ, जहां हर हफ्ते लकी ड्रॉ निकाला जाएगा वहीं हर 3 महीने पर यूजर्स को ग्रैंड प्राइज दिया जाएगा।
इसके अलावा सरकार ने ऑनलाइन ट्रांजेक्टशन में आ रही मुश्किलों को देखते हुए नई व्यवस्था शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार नई हेल्पलाइन शुरू करने जा रही है जिसका नंबर होगा- 14444,यह सर्विस इस हफ्ते से शुरू की जा सकती है।
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NPCI करेगा यह योजना करेगा लागू
- नीति आयोग ने इस स्कीम से जुड़ी बातों की जानकारी दी।
- आयोग ने कहा कि उसने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) से अनुरोध किया है कि वह डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना जल्द लागू करें।
- NPCI एक गैर-लाभकारी कंपनी है जो भारत को कैशलेस समाज की ओर ले जाने के लिए प्रयासरत है।
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ये हैं प्रस्तावित इंसेंटिव स्कीम की प्रमुख बातें
- जो भी ग्राहक और विक्रेता डिजिटल पेमेंट करते हैं, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- इस स्कीम के तहत 2 स्तर पर इंसेंटिव की राशि मिलेगी।
- पहला, हर हफ्ते भाग्यशाली विजेताओं को नकद पुरस्कार दिए जाने के लिए लकी ड्रॉ निकाला जाएगा।
- ऐसा उस हफ्ते जेनरेट हुए ट्रांजैक्शन आईडी के जरिए किया जाएगा।
- दूसरा, हर तीन महीने में उपभोक्ताओं में से कुछ को एक ग्रैंड प्राइज दिया जाएगा।
- योजना में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि गरीबों, लोअर मिडल क्लास और छोटे व्यापारियों को प्राथमिकता मिले।
ऐसे पेेमेंट इस योजना के लिए होंगे मान्य
- इस योजना में USSD, AEPS, UPI और RuPay Card से किए पेमेंट मान्य होंगे।
- विक्रेताओं के लिए उनके द्वारा स्थापित POS मशीन पर किए गए ट्रांजैक्शन इस योजना के लिए मान्य होंगे।
- योजना की रूपरेखा जल्द ही पेश की जाएगी।
- इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 8 नवंबर के बाद जितने लोगों ने डिजिटल पेमेंट प्रणाली का इस्तेमाल किया है, वे इस योजना का फायदा उठाने के हकदार होगें।
- वर्तमान में दो तरह के सुझाव दिए जा रहे हैं कि इंसेंटिव स्कीम 6 महीने के लिए चलाई जाए या फिर एक साल के लिए।
- इस योजना के तहत राज्य सरकारों, उनके उपक्रमों, जिलों, महानगर निगमों एवं पंचायतों में जहां भी कैशलेस ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए काम किया गया है, उन्हें भी पुरस्कृत किया जाएगा।