नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती के फैसले को वापस लेने तथा पुरानी दरों को बनाये रखने के लिये औपचारिक आदेश जारी किया। इससे पहले, दिन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में बड़ी कटौती के फैसले को वापस लेगी। कार्यालय ज्ञापन के अनुसार यह निर्णय किया गया है कि एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिये लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की चौथी तिमाही एक जनवरी 2021 से 31 मार्च 2021 के लिये अधिसूचित दर के समान रहेंगी। यानी उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। बयान के अनुसार, ‘‘उचित प्राधिकार ने इसे मंजूरी दी है।’’
सीतारमण ने सुबह ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं। पहले दिया गया आदेश वापस लिया जाएगा।’’ बुधवार को जारी वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, नये वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिये लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज दर 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गयी थी। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की प्रत्येक तिमाही आधार पर समीक्षा होती है और अधिसूचित की जाती है। पुरानी दरें बरकरार रहने से पीपीएफ और एनएससी पर सालाना ब्याज दरें 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत बनी रहेंगी। अन्य लघु बचत योजनाओं पर भी पिछली तिमाही की ब्याज दरों को बरकरार रखा गया है।
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