नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की बजट के बाद होने वाली पहली बैठक को मंगलवार को संबोधित करेंगी। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक पहली बार वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से होगी। वह केंद्रीय बैंक के निदेशकों को बजट की मूल भावना, मुख्य दिशा और राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की योजनाओं की जानकारी दे सकती हैं। वित्त मंत्री ने पहली फरवरी को प्रस्तुत 2021-22 के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इस घाटे को मार्च 2026 में समाप्त वित्त वर्ष तक 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है। कोविड-19 महामारी से प्रभावित चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 9.5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।
बजट में अगले वित्त वर्ष के दौरान 12 लाख करोड़ रुपये का बाजार से कर्ज जुटाने का लक्ष्य रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कह चुके हैं कि केंद्रीय बैंक घरेलू बाजार से कर्ज जुटाने के सरकार के कार्यक्रम को संभालेगा। बजट में अगले साल बाजार मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर 14.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सीतारमण ने राजस्व में अगले साल 16.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। वर्ष के दौरान जीडीपी की वास्तविक (स्थिर मूल्य पर आधारित) वृद्धि दर 10-10.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है। वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च को वर्तमान वर्ष के संशोधित 4.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़ा कर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है।
वहीं दूसरी तरफ महंगाई दर में कमी के संकेतों से इंडस्ट्री भी उम्मीद लगा रही है रिजर्व बैंक आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। रिजर्व बैंक ने पिछली समीक्षा में रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया, हालांकि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आने वाले समय में सभी संभव कदम उठाने की बात कही है।
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