नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सेबी के निदेशक मंडल को संबोधित करते हुए 2021-22 के बजट में पूंजी बाजार से संबंधित घोषणाओं को समय पर क्रियान्वित करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने भारतीय प्रतिभूति एवं विनमय बोर्ड (सेबी) की खासकर कोविड-19 संकट के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने को लेकर उठाये गये कदमों की सराहना भी की। सीतारमण ने बजट पेश किये जाने के बाद बुधवार को पहली बार बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल को संबोधित किया। वित्त वर्ष 2021-22 की बजट एक फरवरी को पेश किया गया था।
सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने बाजार की मौजूदा प्रवृत्तियों और चुनौतियों तथा महामारी के कारण उठाये गये कदमों, वित्त वर्ष के दौरान जुटायी गयी पूंजी, बाजार नियामक से संबंधित बजट घोषणा को क्रियान्वित करने की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कॉरपोरेट बांड बाजार विकास के लिये किये गये कार्यों के बारे में भी वित्त मंत्री को जानकारी दी। सीतरमण ने सेबी के विभिन्न कदमों खासकर कोविड संकट से निपटने के लिये किये गये कार्यों की सराहना की।
वित्त मंत्री के बजट पेश करने के बाद सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक मंडलों को संबोधित करने की परंपरा रही है। अपने बजट भाषाण में सीतारमण ने सेबी कानून, डिपोजिटरीज कानून, प्रतिभूति अनुबंध (नियमन) कानून और सरकारी प्रतिभूति कानून के प्रावधानों को एकीकृत कर एकल प्रतिभूति बाजार संहिता बनाने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा मंत्री ने सभी वित्तीय उत्पादों को लेकर निवेशकों के अधिकार के रूप में ‘निवेशक चार्टर’ पेश करने का भी प्रस्ताव किया है। इस मौके पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सेबी चेयरमैन अजय त्यागी, वित्त सचिव अजय भूषण पांडे, आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज और सेबी निदेशक मंडल के सदस्य उपस्थित थे।
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