नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों के कारण 3,512.62 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान का अनुमान है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में अनुमानित उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह क्रमशः 27,682.89 करोड़ रुपये और 28,548.05 करोड़ रुपये रहा।
गडकरी ने कहा, "वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के शुल्क प्लाजा पर शुल्क संग्रह में 3,512.62 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान का अनुमान है।" उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में किसानों द्वारा लगातार जारी विरोध प्रदर्शन के कारण, वित्त वर्ष 2020-21 में 58 शुल्क प्लाजा 12 दिनों से लेकर अधिकतम 182 दिनों तक बंद थे। इसके चलते 814.13 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ। मंत्री ने कहा, "केरल राज्य में त्रिवल्लम शुल्क प्लाजा और ओडिशा राज्य में पद्मनावपुर और सुखुपाड़ा शुल्क प्लाजा जैसे कुछ प्लाजा पर विरोध की छिटपुट घटनाएं देखी गयीं।" इसी के साथ केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि साल 2020-21 में 5381 किलोमीटर लंबी सड़कों को नये नेशनल हाईवे का दर्जा दिया गया है।
इसके साथ ही राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर प्रोजेक्ट के लिये 2021-22 के दौरान 1.03 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। हाईवे का जाल बिछाने की लगी एनएचएआई पर 2020-21 में कर्ज 24 प्रतिशत बढ़ गया है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी थी कि एनएचआई पर 31 मार्च 2021 तक कर्ज बढ़कर 3.07 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जो कि मार्च 2020 के अंत तक 2.49 लाख करोड़ रुपये पर था। वहीं राज्य सभा में दिये गये केंद्रीय मंत्री के जवाब के मुताबिक 2020-21 में एनएचएआई ने 18840 करोड़ रुपये का ब्याज चुकाया है।
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