नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 15,000 किलोमीटर सड़कों की पहचान टू लेन से फोर लेन में परिवर्तित करने के लिए पहचान की है। इससे राजमार्गों की आर्थिक दक्षता बढ़ सकेगी।
एनएचएआई के चेयरमैन राघव चंद्रा ने कहा, हम आर्थिक रूप से दक्ष गलियारों को देख रहे हैं और करीब 15,000 किलोमीटर ऐसी सड़कों की पहचान की गई है, जिन्हें दो से चार लेन का किया जाएगा। इसमें अभी तक छूटे बिंदुओं को जोड़कर राजमार्गों की आर्थिक दक्षता बढ़ाई जाएगी।
चंद्रा ने कहा कि इसके अलावा एनएचएआई राज्यों तथा मंत्रालयों के साथ मिलकर विभिन्न चेकपोस्टों पर आने वाली दिक्कतों के बारे में जानकारी लेगा। पूर्व में चंद्रा ने कहा था कि कमजोर बजट की वजह से रखरखाव को काफी कम प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा कि डेवलपर्स को ने केवल सड़क बनाने बल्कि रियायत अनुबंध के तहत इनका जीवनकाल तक रखरखाव करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मुंबई से कोलकाता गलियारे को 665 किलोमीटर का नया संपर्क उपलब्ध कराकर अधिक दक्ष किया जा सकता है। यह सड़क कई स्थानों पर चार से दो लेन हो जाती है। इसे तर्कसंगत बनाने की जरूरत है ताकि यातायात को अधिक प्रभावी तथा तेज किया जा सके।
शहरों में जाम की समस्या से मिलेगा छुटकारा
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण शहरों में ऐसे जाम वाले स्थानों की भी पहचान कर रहा है, जहां बाईपास, फ्लाईओवर या इंटरचेंजेज बनाने की जरूरत है। चंद्रा ने कहा कि एनएचएआई ने अगले चार से पांच साल के दौरान 184 फ्लाईओवर, 294 बाईपास, 5,000 किलोमीटर की सर्विस रोड, दो लाख संकेतक या साइनेज तथा 550 जंक्शन बिंदुओं की जरूरत की पहचान की है। उन्होंने कहा कि हम प्रति किलोमीटर 10,000 पेड़ लगाएंगे। अगले सात से दस साल में हम 10 करोड़ पेड़ लगाएंगे।
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