नयी दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश में धामपुर चीनी मिल लिमिटेड की चार इकाइयों पर पर्यावरण कानून के लगातार उल्लंघन के लिए 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा दायर विभिन्न निरीक्षण रिपोर्टों के अवलोकन से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि पर्यावरण को काफी समय से नुकसान पहुंचाया जा रहा था।
एनजीटी ने धामपुर चीनी मिल (जिला संभल), धामपुर चीनी मिल (जिला बिजनौर), धामपुर डिस्टलरी इकाई (जिला बिजनौर) एवं धामपुर चीनी मिल, मीरगंज (जिला बरेली) स्थित मिल में प्रत्येक पर पांच करोड़ रुपये का पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया। एनजीटी ने एक सितंबर 2021 से 30 दिन के भीतर जुर्माना राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है। पीठ ने कहा कि इन इकाइयों ने वास्तव में अन्य व्यक्तियों और स्थानीय निवासियों को प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने के उनके अधिकार से वंचित किया है। एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और विकास गतिविधियों के बीच उचित संतुलन होना चाहिए जो प्रगति के लिए आवश्यक हैं।
न्यायाधिकरण ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक-एक सदस्य और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को शामिल करते हुये एक समिति बनाई है जो कि पर्यावरण को हुये नुकसान का आकलन करेगी। समिति स्थानीय किसानों, निवासियों से भी बातचीत करेगी। न्यायाधिकरण ने चीनी मिलों पर 10 लाख रुपये के मुकद्दमा खर्च का भुगतान करने को भी कहा है।
यह राशि चीनी मिलों को एक माह के भीतर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देनी होगी। न्यायाधिकरण, आदिल अंसारी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें धामपुर शुगर मिल्स लिमिटेड की इकाइयों के खिलाफ पर्यावरणीय मानदंडों / कानूनों का पालन न करने के लिए उचित पर्यावरणीय मुआवजा लगाने सहित दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई थी।
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