नई दिल्ली। मुश्किलों में घिरी जर्मनी की कार कंपनी फॉक्सवैगन को तगड़ा झटका लग सकता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने एमिशन नियमों के कथित उल्लंघन के चलते फॉक्सवैगन की गाड़ियों के उत्पादन और बिक्री को लेकर प्रतिबंध लगाने के वाली याचिका पर केंद्र और कार कंपनी को नोटिस भेजा है। गौरतलब है कि गुरुवार को एक टीचर ने फॉक्सवैगन की गाड़ियों का उत्पादन बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए NGT में याचिका दायर की थी।
NGT से गाड़ियों के उत्पादन पर रोक लगाने की मांग
याचिकाकर्ता सलोनी आइलावाडी ने कंपनी द्वारा कथित तौर पर एमिशन नियमों के उल्लंघन का जिक्र करते हुए उसके द्वारा यहां वाहनों की बिक्री, असेंबली और मैन्युफैक्चरिंग की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है। याचिका में ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन आफ इंडिया (एआरएआई) की एक ताजा रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया है।
भारत में भी फॉक्सवैगन ने किया एमिशन स्कैंडल
भारत में, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने पाया कि फॉक्सवैगन की गाड़ियों का एमिशन लेवल रोड़ पर अलग और लेबोरेट्री में अलग है। इससे पहले 4 नवंबर, सरकार की ओर से फॉक्सवैगन ग्रुप को कारण बताओ नोटिस जारी करने की उम्मीद थी। वहीं, पिछले महीने जर्मनी की कार कंपनी ने कथित तौर पर डीजल इंजन के एमिशन स्कैंडल के तहत देश में लगभग एक लाख रिकॉल की है।
पूरी दुनिया में फॉक्सवैगन की हजारों गाड़ियों में एमिशन नियमों को धोखा देने वाला डिवाइस पाया गया है। यह डिवाइस टेस्टिंग के समय एमिशन के लेवल को कम दिखता है। इस स्कैंडल का पता 18 सितंबर को पहली बार पता चला था, जब कंपनी ने यह स्वीकार किया की गलती की गई है।
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