नई दिल्ली। क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान के तहत सरकार दूसरे चरण के मार्गों का बंटवारा अगस्त से शुरू कर सकती है। इसके लिए उसने योजना में कुछ बदलाव प्रस्तावित किए हैं जिस पर हितधारकों से टिप्पणियां मांगी हैं। विमानन कंपनियों समेत हितधारकों ने सरकार को दूसरे चरण की मार्ग नीलामी के लिए योजना में किए गए विभिन्न संशोधनों के लिए अपनी टिप्पणियां भेज दी हैं। यह नीलामी नौ जून से शुरू होनी है। इसमें 150 किलोमीटर से कम दूरी वाले मार्गों पर भी विचार करने को कहा गया है।
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नागर विमानन सचिव आर. एन. चौबे ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा कि,
दूसरे चरण की बोलियां नौ जुलाई तक लगाई जानी हैं। विचार यह है कि अगस्त के महीने से हम मार्गों का बंटवारा करने में सक्षम हो।
उन्होंने कहा कि हितधारकों से पूछा गया है कि योजना के तहत क्या ऐसे दो हवाईअड्डों के बीच मार्ग को चुना जा सकता है जो ना तो कम सेवा या गैर-सेवा वाले हों। प्रस्तावित संशोधनों में योजना के तहत 150 किलोमीटर से कम के वायु मार्गों को शामिल करना भी है।
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चौबे ने कहा कि इसके अलावा यह भी प्रस्ताव है कि जब हम तीन साल के लिए परिचालन और व्यवहार्यता में अंतर के लिए कोष वीजीएफ का प्रबंधन करेंगे तो क्या उस अवधि में मार्ग की विशिष्टा की अवधि को तीन वर्ष से घटाकर एक वर्ष किया जा सकता है। इसके अलावा योजना के तहत विमानों में न्यूनतम सीटों पर भी हितधारकों से उनके विचार मांगे गए हैं।
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