GST राजस्व संग्रह ने बनाया अबतक का सबसं ऊंचा रिकॉर्ड, अप्रैल में सरकार को मिले 1.41 लाख करोड़ रुपये
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह ने न केवल 1 लाख करोड़ का आंकड़ा लगातार सातवें महीने पार किया है बल्कि कर संग्रह में लगातार वृद्धि भी हो रही है।
नई दिल्ली। अप्रैल, 2021 में जीएसटी संग्रह (GST collections) ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है। इस दौरान सरकार को 1.41 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि अप्रैल 2021 में जीएसटी संग्रह मार्च की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। मार्च, 2021 में 1.23 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ था।
अप्रैल के दौरान, घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) पिछले महीने की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक रहा है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह ने न केवल 1 लाख करोड़ का आंकड़ा लगातार सातवें महीने पार किया है बल्कि कर संग्रह में लगातार वृद्धि भी हो रही है। इस अवधि के दौरान इस बात के साफ संकेत मिले हैं कि अर्थव्यवस्था में निरंतर सुधार आ रहा है।
फर्जी बिलों पर कड़ी निगरानी, जीएसटी, इनकम टैक्स और कस्टम आईटी सिस्टम सहित विभिन्न स्रोतों से डाटा एनालिटिक्स का उपयोग कर और प्रभावी टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन की वजह से भी राजस्व में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है। अप्रैल 2021 में ग्रॉस जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1,41,384 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें सीजीएसटी 27,837 करोड़, एसजीएसटी 35,621 करोड़, आईजीएसटी 68,481 करोड़ (उत्पादों के आयात पर संग्रहित कर 29,599 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 9,445 करोड़ रुपये (उत्पादोंके आयात पर संग्रहित कर 981 करोड़ रुपये सहित) शामिल है।
मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश के तमाम हिस्सों को प्रभावित किया है, ऐसे में भारतीय उद्यमों ने एक बार फिर मजबूती दिखाई है और रिटर्न फाइल किए हैं और अपने जीएसटी बकाये का भुगतान समय पर किया है।
कर विशेषज्ञों ने हालांकि कहा कि अप्रैल के आंकड़े मार्च में आर्थिक गतिविधियों को दर्शाते हैं और कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन के कारण आने वाले महीनों में जीएसटी संग्रह में कुछ गिरावट हो सकती है। डेलॉयट इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एम एस मणि ने कहा कि अप्रैल में उच्च संग्रह के आंकड़े आने वाले महीनों में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट के चलते घट सकते हैं। शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर रजत बोस ने कहा कि असली चुनौती आगे है क्योंकि देश के अधिकांश हिस्से फिर से लॉकडाउन में हैं और अधिकांश उद्योग अस्थायी रूप से बंद हैं।
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