नई दिल्ली। हाल में शुरू हुए पेमेंट और स्मॉल फाइनेंस बैंक ग्राहकों को लुभाने के लिए सेविंग अकाउंट पर 7.25 फीसदी का ब्याज दे रहे है। वहीं, बड़े बैंक आमतौर पर 4 फीसदी का ब्याज ऑफर कर रहे हैं। हालांकि, कुछ प्राइवेट बैंक सेविंग्स अकाउंट पर छह फीसदी तक का भी इंट्रेस्ट रेट दे रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पेमेंट्स बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक अभी ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के लिए सेविंग्स एकाउंट पर अधिक ब्याज ऑफर कर रहे हैं। आगे चलकर वे इसे कम कर सकते हैं।
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ज्यादा ग्राहक बनाने की कवायद
- अंग्रेजी बिजनेस न्यूजपेपर ईटी को दिए बयान में उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के सीईओ समित घोष ने बताया है कि सेविंग्स अकाउंट ट्रांजेक्शंस के लिए होते हैं। हमारा मानना है कि लोग इन खातों के इंट्रेस्ट रेट की बहुत चिंता नहीं करते। अट्रैक्टिव ऑफर्स से बैंक को शॉर्ट टर्म में ग्राहक हासिल करने में मदद मिल सकती है, लेकिन लॉन्ग टर्म में उसके लिए फायदेमंद नहीं होगा।
महंगा साबित हो सकता है ये कदम
- एक्सपर्ट्स का कहना है कि पेमेंट्स बैंकिंग बिजेस का फोकस अधिक से अधिक कस्टमर्स बनाने पर है, लेकिन यह ई-कॉमर्स की तरह महंगा हो सकता है। बड़ा सवाल यह है कि ऐसे ऑफर वापस ले लिए जाने पर क्या कस्टमर्स बैंक के साथ बने रहेंगे। इस बारे में फिनो पेटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर ऋषि गुप्ता कहते हैं, फाइनेंशल इन्क्लूजन का हमारा एक्सपीरियंस बताता है कि ऐसे ऑफर्स को वापस लेना बहुत मुश्किल होता है। जब एक बार लोग बिजनस मॉडल को लेकर सवाल खड़ा करना शुरू कर देते हैं तो संस्थान पर ग्राहकों का भरोसा कम हो सकता है।
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क्या कहते है नियम
- स्मॉल फाइनैंस बैंक लोन देकर पैसा बना सकते हैं, लेकिन नियमों के मुताबिक पेमेंट्स बैंक कर्ज नहीं दे सकते। आरबीआई के रूल्स के मुताबिक, पेमेंट्स बैंक को 75 फीसदी डिपॉजिट बैलेंस सरकारी बॉन्ड में रखना होगा। वे दूसरे कमर्शल बैंकों के पास 25 फीसदी से अधिक डिपॉजिट्स नहीं रख सकते। ऐसी पाबंदी से उनके मुनाफा कमाने की क्षमता प्रभावित होती है, क्योंकि अभी सरकारी बॉन्ड की यील्ड करीब 6.8 फीसदी है।
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