नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दे दी है। पहली बार, किसी इंडस्ट्रियल इनसेंटिव स्कीम का फायदा ब्लॉक स्तर पर दिया जाएगा और इससे जम्मू व कश्मीर के दूर-दराज के इलाकों में औद्योगिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। यह नई योजना अधिसूचना की तारीख से 2037 तक के लिए मान्य होगी और इसके तहत कुल 28,400 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
नई औद्योगिक नीति के लागू होने की घोषणा करते हुए उपराज्यपाल मनोह सिन्हा ने कहा कि अगले 18 सालों में इस नीति से केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर की तकदीर बदल जाएगी। उपराज्यपाल ने बताया कि इसके माध्यम से प्रदेश में बीस हजार करोड़ रुपये का नया निवेश जुटाया जाएगा। यह योजना प्रदेश में साढ़े चार लाख लोगों को रोजगार देगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत शहरों, कस्बों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों को अधिक महत्व दिया जाएगा व इस योजना के तहत ब्लॉक स्तर तक रोजगार मुहैया करवाने में मदद दी जाएगी।
नई औद्योगिक नीति के तहत प्रदेश में रोजगार स्थापित करने वालों को चार तरह की राहतें दी जाएंगी। नई औद्योगिक नीति के तहत 17 सेक्टरों को बल दिया जाएगा। यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर में पर्यटन उद्योग को बड़े पैमाने पर बल मिलेगा। सरकारी जमीन के साथ निजी जमीन पर उद्योग स्थापित करने में सहयोग मिलेगा। उपराज्यपाल ने बताया कि इस नीति को सफल बनाने के लिए तीन हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गई है व लैंड बैंक बनाकर उद्योगों को बल देने की नीति भी तय की जा रही है।
इस नई स्कीम से जम्मू-कश्मीर के विनिर्माण और सर्विस क्षेत्र दोनों को फायदा होगा। इस योजना इस क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक विकास की एक लंबी गाथा तैयार करेगी और यहां के लोगों की आंकाक्षाओं को भी पूरा करेगी। इस योजना से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी हासिल होंगे।
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